श्यामलाल गुरुजी हत्याकांड: आरोपी दंपति ने पहले कुंभ में खाया भंडारा फिर अमृतसर में चखा लंगर

श्यामलाल गुरुजी हत्याकांड में आरोपी दंपति के पास रहने और खाने के लिए ज्यादा रुपये नहीं थे। ऐसे में उन्होंने छिपने के लिए ऐसी जगह चुनी जहां पर उनके कम से कम रुपये लगें। दोनों ने पहले कुंभ क्षेत्र में पनाह ली और भंडारों में खाना खाया। जब कुंभ समाप्त हो गया तो वह अमृतसर पहुंच गए। यहां सराय में ठिकाना बनाया और स्वर्ण मंदिर में लंगर चखा। लेकिन, अगले ही दिन पुलिस पहुंच गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल, रुपयों की कमी के चलते ही दोनों ने श्यामलाल को ब्लैकमेल करने का षड्यंत्र रचा था। ऐसे में जब उनकी हत्या कर दी तो छिपने के लिए ठिकाने तलाशने लगे। दोनों आरोपी चार फरवरी को देहरादून से निकले और जयपुर पहुंचे। यहां एक धर्मशाला में पनाह ली और आसपास के मंदिरों में खाना खाकर दिन गुजारे। दोनों को पता चला कि महाकुंभ में करोड़ों की भीड़ है तो पकड़े नहीं जाएंगे। गत 10 फरवरी को दोनों महाकुंभ क्षेत्र पहुंच गए।

महाकुंभ में दोनों के न के बराबर रुपये खर्च हुए
यहां दोनों निशुल्क पंडालों में ठहरे और नित चलने वाले भंडारों में खाना खाया। महाकुंभ में दोनों के न के बराबर रुपये खर्च हुए। इसके बाद गत 25 फरवरी को महाकुंभ से निकलकर अमृतसर पहुंच गए। यहां एक सराय में 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमरा लिया और स्वर्ण मंदिर में भंडारा चखने लगे। यहां सिर्फ एक ही दिन ठहरे थे कि पुलिस पहुंच गई।

बेटी को छोड़ दिया नानी के पास
आरोपी गीता की बेटी उसके साथ रहती थी। ऐसे में जब दोनों देहरादून से भागे तो इससे पहले ही अपनी बेटी को देवबंद मायके में छोड़ दिया। पकड़े जाने के बाद गीता तमाम तरह के बहाने बना पुलिस को टाल रही थी, लेकिन एकाएक हिमांशु चौधरी पुलिस के सामने टूट गया और अब तक की सारी कहानी उगल दी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com