निर्धारित समय से कुछ विलंब पर हो रही भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक के एजेंडे और टास्क तकरीबन वहीं होंगे जो पिछली कार्यसमिति के थे। अंतर बस इतना होगा कि मिशन 2019 की तैयारियों को लेकर स्वर थोड़े तीखे होंगे और टास्क की मियाद छोटी। राष्ट्रीय कार्यसमिति में लिए गए निर्णयों पर अमल की रणनीति बनेगी। अजेय भारत, अटल भाजपा के नारे को पार्टी बुलंद करेगी। 15 सितंबर को होने वाली कार्यसमिति बैठक के एजेंडे को मूर्त रूप शुक्रवार को होने वाली प्रदेश पदाधिकारी और कोर कमेटी की बैठक में ही दिया जाएगा।
कार्यसमिति में विपक्ष की नकारात्मक राजनीति पर निशाना साधा जाएगा और तथ्यों और तर्कों के आधार पर विपक्ष को बेनकाब करने की रणनीति पर मंथन होगा। केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां, पेश होने वाले राजनीतिक प्रस्ताव के केंद्र में रहेंगी। पार्टी कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की जाएगी कि इन उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। झारखंड का गठन करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान और उनकी झारखंड से जुड़ी यादों को तो याद किया ही जाएगा। भावी कार्ययोजना को लेकर पदाधिकारियों को जवाबदेही भी सौंपी जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा प्रदेश इकाई को सौंपे गए टास्क पर प्रदेश भाजपा रिपोर्ट तलब करेगी। संगठन महामंत्री धर्मपाल इस बाबत रिपोर्ट कार्ड पेश कर सकते हैं। प्रदेश संगठन ने बूथ स्तर पर मजबूती के लिए शाह के टास्क को पूरा करने के लिए सितंबर तक की मियाद तय की है। भाजपा ने अपने संगठन का विस्तार 25 हजार बूथों तक कर लिया है जबकि राज्य में कुल बूथों की संख्या 29500 है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों का उठेगा मामला
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला अक्सर उठता रहा है। इस बार भी कार्यसमिति इसे उठाते हुए झारखंड में भी असम की तर्ज पर एनआरसी की जरूरत की मांग कर सकती है। राजमहल विधायक सह भाजपा के प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा इसकी मांग लंबे समय से करते रहे हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से भी उन्होंने यह मामला उठाते हुए असम की तर्ज पर झारखंड में भी एनआरसी की वकालत की थी। उन्होंने घुसपैठ से साहिबगंज और पाकुड़ में पैदा हो रही क्षेत्रीय असंतुलन की स्थिति का विशेष तौर पर जिक्र किया था।