आरबीआई मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमसीपी) की तीन दिनों से जारी बैठक के नतीजे शुक्रवार सुबह 10 बजे जारी किए जाएंगे। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसके बारे में जानकारी देंगे। संभावना जताई जा रही है कि एक बार फिर से ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।
इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। यह वर्तमान में चार प्रतिशत है और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। यदि बैठक में रेपो रेट कम हो जाती है तो इससे ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी।
आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी को 31 मार्च 2021 तक वार्षिक महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर रखने का काम दिया गया है। यह अधिकतम छह प्रतिशत और न्यूनतम दो प्रतिशत तक जा सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सितंबर में कहा था कि जरूरत के हिसाब से मौद्रिक नीतियों में बदलाव किया जा सकता है और ब्याज दरों में भी कटौती की गुंजाइश हो सकती है।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा था कि आरबीआई को ब्याज दरें घटाने के सिलसिले को जारी रखना चाहिए। बैंकर्स का कहना है कि महंगाई के दबाव में रेपो को घटाने की संभावना कम है। वहीं ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश कम ही है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पहली तिमाही में जीडीपी के रिकॉर्ड निचले स्तर तक जाने के बाद होने वाली यह पहली बैठक है। इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। ऐसे में इसमें सुधार लाना बड़ी चुनौती है। इसी कारण माना जा रहा है कि वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए गैर परंपरागत कदम उठाए जा सकते हैं।