वित्त मंत्री: आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी इसके तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवें और अंतिम चरण की घोषणाएं कर रही हैं।

वित्त मंत्री बुधवार से लगातार संवाददाता सम्मेलन कर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज से जुड़ी जानकारी किस्तों में साझा कर रही हैं।

इस पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई, 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की थी। जानिए आज पांचवी और अंतिम किस्त की बड़ी घोषणा…

  • नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी। इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। इसके लिए सरकार एक नई नीति लाएगी। इसके तहत कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में अधिसूचित किया जाएगा।
  • अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनियां रहेंगी लेकिन निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा। अन्य सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में उचित समय को देखते हुए फैसला किया जाएगा।
  • स्ट्रैटिजिक सेक्टर में चार से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां नहीं होंगी। चार से अधिक पब्लिक सेक्टर अगर किसी स्ट्रैटिजिक सेक्टर में हैं तो उनका विलय किया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने बताया कि छोटे तकनीकी प्रक्रियात्मक चूक को अपराध से बाहर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यौगिक जुर्म में 18 सैक्शन से बढ़ाकर 58 सैक्शन कर दिए गए है। इससे कंपनी की हरासमेंट कम होगी। उन्होंने बताया कि इससे अदालतों पर बोझ कम होगा और कंपनियों कि उत्पादकता बढ़ेगी।
  • निजी कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता। अब देश की कंपनियां अपने प्रतिभूतियों को मंजूरी वाले विदेशी बाजारों में सीधे लिस्ट कर पाएंगी।
  • IBC से जुड़े मामलों को लेकर वित्त मंत्री ने अहम घोषणा की। दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए थ्रेसहोल्ड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा।
  • कोरोना वायरस की वजह से बकाया कर्ज को Default में शामिल नहीं किया जाएगा। अगले एक साल तक कोई भी नई इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। MSMEs के लिए विशेष दिवालिया समाधान ढांचा को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com