गुजरात में मालगाड़ी के लोको पायलेटों की सूझबूझ से दो शेरों की जान बच गई। लोको पायलेटों के सही समय पर मालगाड़ी रोकने पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने शाबाशी दी है।
गुजरात के अमरेली जिले में सोमवार सुबह दो शेर रेल पटरी पर पहुंच गए। उसी वक्त एक मालगाड़ी गुजरने वाली थी। सूचना मिलने पर लोको पायलटों ने सूझबूझ दिखाते हुए वक्त रहते मालगाड़ी को रोककर जंगल के राजा की जान बचाई। पिछले कुछ वर्षों में पीपावाव बंदरगाह को उत्तरी गुजरात से जोड़ने वाली इस रेलवे लाइन पर शेर या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पश्चिमी रेलवे के भावनगर डिवीजन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, घटना सुबह करीब 5.30 बजे पीपावाव-राजुला सेक्शन पर हुई। जहां लोको पायलट विवेक वर्मा और सहायक लोको पायलट राहुल सोलंकी एक मालगाड़ी चला रहे थे। वन विभाग के दो ‘ट्रैकर्स’ ने लाल बत्ती जलाकर लोको पायलटों को पटरी पर दो शेरों की मौजूदगी के बारे में सूचना दी। दोनों ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। ट्रेन रुकने के बाद ट्रैकर भरतभाई और भोलाभाई पायलटों के पास पहुंचे और उन्हें पटरियों पर बैठे दो शेरों के बारे में बताया।
शेरों की जान बचाने के लिए मिली शाबाशी
वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने सूझबूझ दिखाने और सतर्कता बरतते हुए दो शेरों की जिंदगी बचाने के लिए दोनों लोको पायलटों को शाबाशी दी। ट्रैकर्स की ओर से दोनों शेरों के पटरी से चले जाने के बाद ग्रीन सिग्नल मिलने पर मालगाड़ी अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।
भावनगर डिवीजन ने 2024 से अब तक बचाई 44 शेरों की जान
विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक भावनगर रेलवे डिवीजन ने अप्रैल 2024 से अब तक 44 शेरों की जान बचाई है। इससे पहले जून में ऐसी ही घटना में लोको पायलटों की सूझबूझ से दस शेरों की जान बची थी। उन्हें सिर्फ मामूली चोटें आईं थीं।
हाईकोर्ट ने शेरों के ट्रेन से कटने पर लिया था स्वत: संज्ञान
हाल ही में, गुजरात हाईकोर्ट ने अप्राकृतिक कारणों से एशियाई शेरों की मौत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे से शेरों को ट्रेनों की चपेट में आने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा था। राज्य वन विभाग ने शेरों को रेलगाड़ियों की चपेट में आने से बचाने के लिए नियमित अंतराल पर रेल पटरी के किनारे बाड़ लगा दी है।