भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने मंगलवार को सीबीआई को तृणमूल कांग्रेस की नेत्री और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फार-क्वेरी (पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने) मामले में केस दर्ज करने और छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही जांच एजेंसी से कहा है कि वह हर महीने की जांच की प्रगति रिपोर्ट भी दे।
भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने मंगलवार को सीबीआई को तृणमूल कांग्रेस की नेत्री और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फार-क्वेरी (पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने) मामले में केस दर्ज करने और छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
साथ ही जांच एजेंसी से कहा है कि वह हर महीने की जांच की प्रगति रिपोर्ट भी दे। मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में इस अनैतिक आचरण के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। यही नहीं, उन्हें पार्टी ने बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से दोबारा अपना उम्मीदवार भी बनाया है।
निशिकांत दुबे ने लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई
भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि मोइत्रा ने दुबई में बैठे व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के लेकर संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में सवाल पूछे थे। न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी की अध्यक्षता वाली लोकपाल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पूरे मामले का रिकॉर्ड देखने और मूल्यांकन करने के बाद इसमें कोई संदेह नहीं है कि जनप्रतिनिधि पर जो आरोप लगाए हैं, वह गंभीर प्रवृति के हैं।
लोकपाल ने जांच कर प्रोग्रेस रिपोर्ट बताने को कहा
पीठ में अन्य सदस्य अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह हैं। लोकपाल ने महुआ के खिलाफ केस दर्ज कर जांच करने और हर महीने की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट बताने के लिए कहा है। इसमें कहा गया है कि कोई भी पद हो, एक लोक सेवक अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी बरतने के लिए बाध्य है।
सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया
उधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा, ‘सत्यमेव जयते। आज मेरी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया। चंद पैसों के लिए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने हीरानंदानी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया और देश की सुरक्षा को गिरवी रखा।’