देश में कोरोना वायरस के संकट के कारण 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि लॉकडाउन के कारण कुछ लोग इतने तनाव में आ गए कि उन्होंने आत्महत्या करने तक का कदम उठा लिया.
देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लोगों में तनाव को बढ़ाता हुआ दिखाई दे रहा है. इस दौरान उत्तर प्रदेश में जहां अपनी पत्नी से दूर रहने के चलते एक पति के जरिए आत्महत्या कर लिए जाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, तो वहीं एक रोडवेज कर्मचारी के जरिए भी खुदकुशी करने की घटना सामने आई है.
पीटीआई के मुताबिक पहली घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा की है, जहां कथित तौर पर एक शख्स पर उसकी पत्नी की याद इस कदर हावी हो गई कि शख्स ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. घटना बुधवार को राधा कुंड इलाके में हुई. जहां मृतक की पहचान 32 वर्षीय राकेश सोनी के रूप में हुई है.
इंस्पेक्टर आलोक राव के मुताबिक राकेश की पत्नी अपने माता-पिता के घर गई थी. इसके बाद लॉकडाउन हुआ और मृतक की पत्नी अपने मायके में ही रह गई. लॉकडाउन के दौरान मृतक को अपनी पत्नी की याद सताने लगी. राकेश अपनी पत्नी से मिल नहीं पा रहा था, जिसके कारण वो तनाव में आ गया और आखिर में उसने कमरे की छत में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.
वहीं दूसरी घटना बरेली से सामने आई है. यहां एक रोडवेज कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली. मंगलवार देर रात बरेली के सुभाषनगर के क्लासिक गेस्ट हाउस में लखनऊ के रहने वाले रोडवेज कर्मचारी 28 वर्षीय अनुराग दीप गुप्ता ने फांसी लगा ली.
गेस्ट हाउस मैनेजर नदीम के मुताबिक लॉकडाउन से पहले 18 मार्च को अनुराग यहां आया था. वह रोडवेज बसों की जांच किया करता था. लॉकडाउन के कारण वह बरेली में फंस गया. अनुराग ने कई बार बरेली से जाने की कोशिश की लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम रही.
दीम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अनुराग गुमसुम था. वो काफी तनाव में आ गया था. बुधवार सुबह जब कमरे में खिड़की से झांका तो अनुराग ने फांसी लगा ली थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस के मुताबिक आत्महत्या करने से पहले मृतक ने मोबाइल के सभी नंबर और फोटो भी डिलीट कर दिए थे. आधार कार्ड के जरिए मृतक के पत्ते पर संबंधित थाने से सूचना भिजवाई गई. जिसके बाद उसके परिजन देर रात बरेली पहुंचे