उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हो सकता है. योगी सरकार इस पर विचार कर रही है. गुरुवार को जैसे ही नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण को सस्पेंड और लखनऊ के एसएसपी नैथानी के गाजियाबाद तबादले का आदेश आया, तभी से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि प्रयोग के तौर पर लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम की शुरुआत हो सकती है.

सूत्रों की मानें तो योगी सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है. सूत्रों का दावा है कि लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज को पुलिस कमिश्नरी बनाने का प्रस्ताव तैयार है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी भी प्रदेश के इन बड़े शहरों को पुलिस कमिश्नरी बनाने का फैसला ले सकते हैं. अगर कमिश्नरी सिस्टम लागू होता है तो सीआरपीसी के तमाम अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास होंगे.
जिलाधिकारी (डीएम) के पास रेवेन्यू, जमीन, हथियार लाइसेंस जैसे अधिकार ही होंगे. लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरीके से पुलिस कमिश्नर के जिम्मे होगा. पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद पुलिस कमिश्नर आईजी या एडीजी रैंक के अधिकारी होंगे, जो कानून- व्यवस्था के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे. अलीगढ़ और बरेली भी पुलिस कमिश्नरी बनने की कतार में हैं.
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यह मामला मुख्यमंत्री के स्तर पर है और इस पर किसी भी वक्त फैसला हो सकता है. बताया जाता है कि इस मुद्दे पर भी आईएएस और आईपीएस की लॉबी आमने- सामने हैं.
आईएएस लॉबी नहीं चाहती कि पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की जाए, बड़े जिले पुलिस कमिश्नरों के हवाले किए जाएं. जबकि आईपीएस लॉबी ये चाहती है कि पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाए. बहरहाल योगी आदित्यनाथ इस पर खुद आखिरी फैसला लेंगे.
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