रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को एशिया पेसिफिक सेंट्रल बैंकर ऑफ दी ईयर चुना गया है. यह चुनाव ‘दी बैंकर’ मैग्जीन द्वारा किया गया है जो कि फाइनेंशियल टाइम्स का एक यूनिट है.
शक्तिकांत दास को मैग्जीन द्वारा यह सम्मान नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए), फ्रॉड, अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से चुनौती से निपट रहे भारतीय बैंकिंग सेक्टर के उचित प्रबंधन के लिए दिया गया है. यह अवॉर्ड वैसे सेंट्रल बैंकर्स को दिया जाता है जिन्होंने बेहतर तरीके से बैंक का प्रबंधन किया है जिससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बढ़ती है.
उन्हें सेंट्रल बैंकर ऑफ दी ईयर नामित करते हुए मैग्जीन ने कहा है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था की सुस्ती से निपटने के उपाये किए और पिछले साल पांच बार ब्याज दरों में कटौती की. मैग्जीन ने कहा है कि आरबीआई भविष्य में ऐसी स्थिति के उत्पन्न होने की स्थिति में फिर से ब्याज दर में कटौती करने को तैयार था.
साथ ही यह भी कहा गया है कि गवर्नर शक्तिकांत दास ने शेडो बैंकिंग (अनधिकृत) की समस्या से निपटने के लिए नियमों को कड़ा किया. आरबीआई गवर्नर के तौर पर वह देश के छोटे बैकों की समस्याओं को लगातार सुलझा रहे हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा, ”देश में आर्थिक बैलेंस बनाए रखने में और लगातार आर्थिक वृद्धि के जारी रखने में व्यापक आर्थिक स्थिरता जो कि स्टेबल महंगाई दर में दिखाई भी पड़ती है ने बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि महंगाई में हालिया वृद्धि अधिक समय तक नहीं रहेगी.
उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटे को लिमिट में रखना और फॉरेन एक्सचेंज में वृद्धि ने भी आर्थिक बैलेंस बनाए रखने में और लगातार आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद की है. शक्तिकांत दास आरबीआई के 25वें गवर्नर हैं. आरबीआई गवर्नर बनने से पहले वह इकोनॉमिक एफेयर्स सेकरेट्री, रेवन्यू सेकट्री और फर्टिलाइजर सेकरेट्री रह चुके हैं. वह 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.