रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम के चेलों द्वारा डेरा में जमा सैंकड़ों करोड़ रुपये का काला धन तीन ट्रकों में भर कर कहीं बाहर ले जा कर ठिकाने लगाया गया था. यह राज सोमवार को उस वक्त खुला जब मामले की सुनवाई कर रहे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने डेरा सच्चा सौदा की आईटी विंग के प्रमुख विनीत कुमार के बयान को हिंदी में पढ़कर सब को सुनाया.विनीत कुमार ने पुलिस हिरासत में दिए बयान में कहा था कि 26 अगस्त 2017 को बलराज सिंह नाम का कारिंदा डेरे का सारा कैश तीन ट्रकों में भरकर बाहर निकल गया था. कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि पुलिस ने बलराज सिंह को हिरासत में लिए जाने के बाद भी कैश भरे 3 ट्रकों के बारे में न पूछताछ की और न ही उस पैसे को बरामद करने की कोशिश की.
डेरा सच्चा सौदा हिंसा मामले में मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच ने हिंसा मामले की जांच में बरती गई लापरवाही को लेकर न केवल पुलिस को फटकार लगाई बल्कि आदेश दिया कि वह फिर से मामले की जांच कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.
कोर्ट कमिश्नर भूल गए अपनी रिपोर्ट में खाली लॉकर्स इसका जिक्र करना
उधर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर एकेएस पवार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रिपोर्ट न केवल अधूरी है बल्कि इसमें तथ्यों की कमी है कमी भी है. कोर्ट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट में उन दर्जनों बड़े-बड़े खाली लॉकर्स का जिक्र करना भूल गए जो छानबीन के दौरान खाली पाए गए थे. यह लॉकर न केवल डेरा सच्चा सौदा के कार्यालयों बल्कि डेरा सच्चा सौदा परिसर में बने निजी आवासों में भी लगाए गए थे.
याचिकाकर्ता वकील रविंद्र ढुल के मुताबिक इन लॉकर्स का आकार बड़े बड़े बैंकों के लॉकर जितना है इनमें आखिर क्या जमा किया गया था, यह फिलहाल जांच का विषय है. मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कोर्ट कमिश्नर को इस मामले पर एक सप्लीमेंट्री रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. क्या जांच एजेंसी डेरा के प्रभावशाली लोगों को बचाना चाहती है?
गुरमीत राम रहीम के धार्मिक गुरु शाह सतनाम के अनुयायियों की ओर से केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील महेंद्र सिंह जोशी के मुताबिक कोर्ट कमिश्नर और पुलिस की जांच में कई खामियां हैं और कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है. उदाहरण के तौर पर डेरा सच्चा सौदा परिसर में दर्जनों बड़े-बड़े लॉकर्स का होना और बाद में उनका खाली पाया जाना और फिर डेरा से तीन ट्रकों में नकदी भरकर ठिकाने लगाना और पुलिस का उस तथ्य को नजरअंदाज करना कई सवाल खड़े करता है.