महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री के रूप में 100 दिन पूरे होने पर उद्धव ठाकरे अयोध्या में दर्शन करने पहुंचे हैं. साथ में उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे भी हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं बार बार अयोध्या आऊंगा. जगह मिलने पर अयोध्या में महाराष्ट्र का निर्णाण करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आरती में शामिल होने की इच्छा थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से नहीं जा सकता.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं पहली बार नवंबर 2018 में अयोध्या आया था और अगली बार नवंबर में ही मुख्यमंत्री बन गया. तीसरी बार मैं यहां आया हूं. उद्धव ने कहा कि ट्रस्ट का निर्माण हो गया है.
बैंक खाता भी खुल चुका है. मुझे याद है कि बालासाहेब के समय महाराष्ट्र से शिलाएं भेजी गई हैं. मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से विनती करता हूं कि महाराष्ट्र से जो राम भक्त आएंगे उनके रहने के लिए जमीन दें. हम महाराष्ट्र भवन बनाएंगे. जब भी मैं यहां आया, कुछ सफलता लेकर गया हूं. मैं फिर आऊंगा.
इस बीच, उद्धव ठाकरे का विरोध करने वाले संत महंत और हिंदू महासभा के जिलाअध्यक्ष को नजरबंद किया गया है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, हिंदू महासभा के महंत परशुराम दास भी नजरबंद हैं. तपस्वी छावनी के संत परमहंस को उनके आश्रम में नजरबंद किया गया है.
इससे पहले जून 2019 में उद्धव ठाकरे अयोध्या गए थे और भगवान राम की पूजा अर्चना की थी. उनके साथ शिवसेना के 18 सांसद भी अयोध्या गए थे.
बहरहाल, उद्धव ठाकरे के दौरे से पहले शिवसैनिक बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच गए थे. शिव सैनिकों लेकर एक विशेष रेलगाड़ी शुक्रवार शाम मुंबई से अयोध्या पहुंचीं. वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी शिव सैनिक अयोध्या पहुंचे हैं.
केंद्र द्वारा शहर में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट का गठन किए जाने के एक महीने बाद ठाकरे अयोध्या आ रहे हैं. ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे का अयोध्या का दौरा इस संदेश के तौर पर देखा जा सकता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चलाने के बावजूद उन्होंने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को छोड़ा नहीं है.