एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने कहा है कि, “भारतीय टीम की तरफ राफेल को लेकर की जा रही डील से उस नोट का कोई वास्ता ही नहीं था। यह नोट भारतीय टीम ने शुरू नहीं किया था। इसकी शुरुआत एस के शर्मा द्वारा की गई थी, जो भारतीय नेगोसिएशन टीम में शामिल नहीं थे। किसके कहने पर उन्होंने इस नोट की शुरुआत की थी ?”
भारत की तरफ से राफेल लड़ाकू विमान की सौदेबाजी करने वाली टीम के अगुवा एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से कोई दखलअंदाजी नहीं की गई थी। उन्होंने कहा है कि, “मेरे लिए ये बेहद हैरानी की बात है, जब आज एक लेख में आज रक्षा मंत्रालय के अंदरूनी नोट को सच्चाई छिपाते हुए और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी को न छापते हुए इस सौदे को बदनाम करने के लिए उपयोग किया गया।”
उल्लेखनीय है कि राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में राहुल ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान एक रिपोर्ट दिखाते हुए कहा था कि, ”अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार, रक्षा मंत्रालय के अफसरों ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस सरकार के साथ समानांतर डील कर रहे थे।” राहुल गाँधी ने इसके लिए ‘द हिन्दू’ कि एक खबर का हवाला दिया था, जिसके अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने राफेल डील में पीएमओ के दखल का विरोध किया था।
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