Rajya Sabha Election 2020: राज्यसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही गुजरात की राजनीति में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा का तीन कांग्रेस विधायकों के संपर्क में होने का दावा है, वहीं एक अन्य विधायक भी साथ आने को तैयार है। कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं को राज्यसभा जाने का मौका मिल सकता है।
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भले कड़े संघर्ष में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन राज्यसभा चुनाव में इसका सीधा फायदा नजर आता है। गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त होगा। इनमें भाजपा की तीन व कांग्रेस की एक सीट खाली होगी। राज्यसभा चुनाव के गणित से आश्वस्त कांग्रेस राज्यसभा की दो सीटों पर दावा जता रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व बिहार व दिल्ली के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल तथा वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ पटेल व कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया इसके प्रमुख दावेदार हैं।
कांग्रेस सांसद मधुसुदन मिस्त्री का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनको कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की टीम में शामिल कर उत्तर प्रदेश के संगठन को मजबूत करने में उपयोग किया जा सकता है।
भाजपा सांसद शंभूप्रसाद टुंडिया को फिर से राज्यसभा भेज सकती है। इनके अलावा भी राज्यसभा जाने वाले वरिष्ठ व युवा नेताओं की पार्टी में लंबी फेहरिस्त है। विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 103 व एनसीपी, बीटीपी व निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के साथ आने से कांग्रेस की संख्या 77 होती है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी का दावा है कि राज्यसभा की एक सीट के लिए 37.3 मत की दरकार होगी और कांग्रेस के पास दो सीटों के लिए पर्याप्त मत हैं। भाजपा तीसरी सीट जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। गत दिनों पार्टी ने कांग्रेस के तीन विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया था। इसके अलावा एक अन्य विधायक भाजपा के पक्ष में आने को तैयार है। इसके अलावा एक सीट का चुनाव अलग से भी कराया जाए तो भाजपा अपनी तीन सीट बरकरार रख सकती है।
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह व स्मृति ईरानी की सीट खाली होने के बाद अगस्त 2017 में दोनों सीटों का चुनाव अलग अलग कराया गया था, उसको चुनौती देने वाली कांग्रेस प्रत्याशियों की याचिका भी कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।