कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए और ये काले कानून वापस लेने चाहिए. केंद्र सरकार को नए साल पर काले कानून वापस लेकर नई शुरुआत करनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने कृषि कानूनों के मुद्दों को उठाया है. इन कानूनों को जब अध्यादेश के रूप में पेश किया गया, कांग्रेस ने तब भी इनका विरोध किया. हमारा केंद्र से अनुरोध है कि राजहठ छोड़ें और किसान की बात सुनें. देशभर की जनसंख्या किसानों पर निर्भर है और देश की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर निर्भर है.
कुमारी शैलजा ने कहा कि हमारा किसान, हमारा मजदूर इतना अधिक आक्रोशित है कि वह प्रदर्शन कर रहा है. बीजेपी सरकार का प्रोपेगैंडा कुछ भी हो, लेकिन वह लोगों में मत खो चुकी है. हमारे हरियाणा के 10 से अधिक किसानों की मृत्यु हो चुकी है. सरकार को चाहिए कि मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और उनकी पीड़ा समझनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में हर पार्टी के विधायक अपने आप को किसानों के साथ जुड़ा हुआ दिखा रहे हैं, लेकिन ये सरकार उनकी भी नहीं सुन रही. ये सरकार तानाशाह सरकार है और अपने फैसले थोप देती है. यह समय है कि किसानों की मांगें मानकर किसानों को गले लगाया जाए. बीजेपी सरकार कॉर्पोरेट्स को गले लगाती है, लेकिन किसानों को नहीं.
शैलजा ने कहा कि यह सरकार ना गरीब आदमी का, ना किसान का, ना मजदूर का फायदा कर रही है. यह सरकार पूंजीपतियों का मुनाफा कर रही है या यूं कहें मुनाफाखोरी की तरफ बढ़ रही है. मैं अनुरोध करूंगी कि केंद्र सरकार नए साल पर काले बिल रद्द कर नई शुरुआत करे, किसानों को राहत पहुंचाए.