फलौदी निवासी 25 वर्षीय विवाहिता ने अपने धर्म भाई और उसके साथी के खिलाफ अपहरण और तीन दिन तक बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। उक्त महिला फलोदी से बेटे का इलाज कराने पति के साथ जोधपुर आई थी।
महिला ने फलौदी थाने में यह मामला दर्ज करवाया लेकिन अपहरण की शुरुआत उम्मेद अस्पताल परिसर से होने के कारण फलोदी पुलिस ने उक्त मुकदमा खांडाफलसा थाने को भेज दिया। खांडाफलसा ने बुधवार को मामला दर्ज किया है। इस मामले की जांच एसीपी को सौंपी है। घटना 3 मार्च की है। महिला के अनुसार, 2 मार्च को वह बच्चे का इलाज कराने के लिए पति के साथ जोधपुर के लिए रवाना हुई। रास्ते में 2 मार्च को बुआ के यहां पर मथानिया रूकी और 3 मार्च को जोधपुर उम्मेद अस्पताल में कार्यरत डाक्टर के यहां बच्चे को दिखाया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 3 मार्च को झिनझिनयाला निवासी सपाराम पुत्र भैराराम का उसके पास फोन आया और उसको पूछा कहां पर है तो उसने बताया कि उम्मेद अस्पताल के पोर्च में बच्चे के साथ खड़ी हूं। सपाराम ने उसको बाहर बुलाया और बच्चे को दवाईयां दिलाने का कहकर एक टैक्सी में बैठाकर मंडोर की तरफ ले गया।
मंडोर में पहले से ही घेवड़ा निवासी भंवरलाल पुत्र माधुराम एक बंद गाड़ी लेकर खड़ा था जिसमें उसको डालकर भंवरलाल और सपाराम घेवड़ा स्थित एक बंद मकान में लेकर गए जो मकान भंवरलाल का है। वहां पर उसको बंधक बनाकर उसके साथ सपाराम और भंवरलाल ने दुष्कर्म किया। दो दिन बाद उसको छोड़ दिया गया। पीड़िता अपने घर चली गई और 7 तारीख को उसने फलौदी में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को पीड़िता के गायब होने पर उसके पति ने 4 मार्च को खांडाफलसा थाने में गुमशुदगी भी दर्ज करवायी थी जिसमें उक्त महिला 6 मार्च को थाने में पेश हुई और बताया कि वह अपने धर्म भाई के यहां दो दिन के लिये गई थी। लेकिन बाद में उसने फलौदी जाकर धर्मभाई और उसके साथी के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया।