जम्मू में चुनाव की ड्यूटी में तैनात काब्रच्छा गांव के सी.आर.पी.एफ. जवान प्रवीण कुमार का गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सफा खेड़ी गांव से युवा बाइकों के काफिले के साथ काब्रच्छा गांव तक प्रवीण कुमार के पार्थिव शरीर को लेकर गए। बाइकों पर तिरंगे लगाए हुए युवा, ग्रामीण प्रवीण अमर रहे के नारे लगाते हुए सफा खेड़ी, तारखा से होते हुए गुजरे। प्रवीण के अंतिम संस्कार में पहुंच कर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह, विकास काला, वीरेंद्र घोघड़िया, पवन फौजी, दिलबाग संडील सहित गण्यमान्य लोगों, ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि दी। सी.आर.पी.एफ. के डी.एस.पी. भी इस दौरान मौजूद रहे। पूर्व सैनिक संघ भी प्रवीण की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ। सी.आर.पी.एफ., हरियाणा पुलिस के जवानों ने प्रवीण कुमार को अंतिम सलामी दी।
शुक्रवार को जाना था कठुआ
जानकारी के अनुसार जिस बिल्डिंग में अपनी टीम के साथ प्रवीण रुका हुआ था वहां शुक्रवार सुबह नाश्ता करने के बाद कठुआ के लिए जाना था। टीम द्वारा दोपहर का लंच भी पैक कर लिया था लेकिन भगवान को शायद कुछ ओर मंजूर था। बिल्डिंग में चल रहे काम में जो लिफ्ट थी वहां से गुजरते हुए प्रवीण ड्यूटी दौरान हादसे का शिकार हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि वह जब भी छुट्टी आता तो गांव में ही रहता था।
मार्च 2021 में हुआ था सी.आर.पी.एफ. में भर्ती
प्रवीण(26) 13 मार्च 2021 में सी.आर.पी.एफ. में भर्ती हुआ था। मार्च 2023 में प्रवीण की शादी पंघाल (हिसार) गांव की नीलम के साथ हुई थी। प्रवीण के 9 माह का एक बेटा है। प्रवीण अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। प्रवीण से बड़ी उसकी बहन है जो शादीशुदा है। उसके परिजनों को शुक्रवार को ड्यूटी दौरान मौत की खबर लग गई थी। पढ़ाई करते हुए वह सी.आर.पी.एफ. में भर्ती हुआ था। 12वीं तक उसने पढ़ाई की। 25 जुलाई छुट्टी पूरी करके वह ड्यूटी पर गया था। दीपावली के आस-पास वापस घर आना था। गुरुवार शाम को प्रवीण की पिता राजबीर से बात भी हुई थी। प्रवीण कुमार के पार्थिव शरीर के साथ आए जवानों ने बताया कि वह ड्यूटी को लेकर बहुत पाबंद था। वह मिलनासर भी था।