कुछ समय पहले प्रियंका चोपड़ा ‘इंडियाज नेक्स्ट सुपरस्टार्स’ शो के सेट पर गई थीं। इस शो के दौरान ‘क्वांटिको’ गर्ल ने ऐसी बात कह डाली थी जिसे सुनकर सब हैरान रह गए। प्रियंका ने कहा था- ‘इसका शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी होते हैं।’ प्रियंका की इस बात पर शो के होस्ट और टेलीविजन एक्टर रित्विक ने भी उनका समर्थन किया था।
एक्ट्रेस मंदिरा बेदी ने भी इस मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा – ‘मैं 23 सालों से इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं लेकिन मुझे किसी ने भी इस तरह का कोई भी ऑफर नहीं दिया। मैं उस जगह पर नहीं हूं मुझे कोई अच्छे काम के बदले किसी तरह के फेवर के बारे में पूछ सके। यह तभी संभव होता है जब दूसरा इंसान समझौता करने के लिए राजी हो जाए। यह हमेशा दो तरफा होता है।’
इस मुद्दे पर ऋचा चड्ढा ने ऐसी बात कह डाली थी जिससे तहलका मच गया था। ऋचा ने कहा था – ‘फिल्म उद्योग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके तहत यौन शोषण का खुलासा करने वाली लड़कियों को सुरक्षा दी जा सके। जब तक ऐसा नहीं होता, यौन शोषण की घटनाएं राज ही रहेंगी क्योंकि जब भी किसी ने इस बारे में मुंह खोलने की कोशिश की उसे इसके नतीजे भुगतने पड़े। अगर बॉलीवुड में लोग यौन उत्पीड़न की बात करेंगे तो बहुत सारे हीरो को काम छोड़ देना होगा। सिर्फ हीरो ही नहीं कई दूसरे लोग भी अपना काम और विरासत छोड़कर भागेंगे। जो निर्माता महिलाओं से जुड़ी फिल्में बनाते हैं और खुद को प्रगतिशील बताते हैं वो सब बर्बाद हो जाएंगे।’
फेमस प्रोड्यूसर एकता कपूर एक इवेंट के दौरान पहुंची थी। जब उनसे इंडस्ट्री में बढ़ते यौन शोषण के मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने अपनी राय रखी। एकता ने कहा – ‘बॉलीवुड में भी हार्वी विंस्टन मौजूद हैं। कहानी के दो पहलू होते हैं लेकिन लोग अक्सर दूसरे पहलू पर बात करने से कतराते हैं। यह बात पूरी तरह से सच है कि प्रोड्यूसर जैसे पावर वाले लोग होते हैं जो अपनी पोजीशन का गलत इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ एक्टर्स भी हैं जो काम पाने के लिए अपनी सेक्सुअलिटी का इस्तेमाल करते हैं। मुझे ऐसा लगता है लोगों को पावर के बल पर तोलना नहीं चाहिए। ऐसा हमेशा सच नहीं होता जिनके पास पावर न हो वह पीड़ित ही हो।’
यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर बोलने से अनुराग कश्यप भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा – ‘यह बात बहुत अच्छी है कि लोग इस मुद्दे पर अपनी बात रख रहे हैं। यहां तक की पीड़ित भी खुलकर आरोपियों के खिलाफ बोल रहे हैं। यह सब जगह है सिर्फ एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री में ही नहीं। जब मैं कॉलेज में था तब मेरे दोस्त कहा करते थे कि लड़की मना भी करे तो उसका हाथ पकड़ना है। मेरा ड्राइवर जब भी किसी महिला को गाड़ी चलाते हुए देखता है तो कहता है कि जब इन्हें कार चलानी नहीं आती तो क्यों चलाती हैं? पुरुषों के दिमाग में हमेशा रहता है कि उन्हें महिलाओं को काबू करना हैं।’