उत्तर प्रदेश कानूनों में सुधार के मामले में भारत का ऐतिहासिक राज्य बनने जा रहा है. सूबे में बीजेपी की सरकार है और सरकार के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने फैसला किया है कि ब्रिटिश काल के कम से कम 1 हजार कानूनों को खत्म किया जाएगा. इसमें कई कानून 150 साल पुराने हैं. इससे पहले मोदी सरकार, भी 1800 पुराने कानूनों को खत्म कर चुकी है.
यूपी की योगी सरकार ने ऐसे पुराने कानूनों की सूची तैयार की है और इन्हें हटाने के लिए आगामी बजट सत्र में एक बिल लाया जाएगा. यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि इन पुराने कानूनों को हटाने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास कई ऐसे नए कानून हैं, जिनके अस्तित्व में आने के बाद से ब्रिटिश काल के कई कानून अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं. इसलिए इन्हें हटाया जा रहा है.
यूपी सरकार के कानून मंत्रालय ने ब्रिटिश काल के इन पुराने कानूनों की सूची तैयार कर ली है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सरकार के कानून मंत्रालय ने इस प्रस्ताव में लिखा है कि ब्रिटिश गवर्नर जनरल-इन-काउंसिल द्वारा 16 अक्टूबर 1890 को ‘संयुक्त प्रांत अधिनियम 1890’ पारित किया गया था. इसका मकसद उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध में सुगम प्रशासन करना था. अब उस समय के कई कानून अप्रासंगिक हो गए हैं.
आपको बता दें कि यूपी सरकार ने एक हफ्ते पहले ही अपना पहला और राज्य का 68वां यूपी दिवस मनाया है. दिसंबर में लोकसभा ने भी दो बिल पारित किए थे, जिनमें 245 पुराने कानूनों को हटाया गया. इनमें 1911 का राजद्रोही बैठक रोकने का कानून भी शामिल था.
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि मोदी सरकार आने के बाद से 1,800 से ज्यादा पुराने कानूनों को समाप्त किया जा चुका है. इससे पहले 1950 में भी संसद ने 1029 पुराने कानूनों को हटाया था.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal