मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि रिश्ते तोड़ना आसान है, लेकिन जोड़ना कठिन होता है, इसलिए हमारी लड़ाई रिश्ते जोड़ने की है।
उन्होंने बताया कि बीते एक साल में 273 मामले ट्रिपल तलाक के हैं। यूपी सरकार ने सभी इन मामलों में मुकदमा दर्ज कराया है। तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को 6000 रुपये सालाना सहायता देने का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।
मौका था, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन तलाक से प्रभावित महिलाओं से संवाद कार्यक्रम व प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास का। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। जौनपुर की रेशमा बानो ने मुख्यमंत्री को पुष्प देकर इस महत्वपूर्ण संवाद आयोजन में स्वागत किया।
पुनर्वास के लिए 6000 रुपये सालाना, मुकदमे निश्शुल्क लड़ने की व्यवस्था
सीएम ये भी कहा कि गलत तरह से दूसरी शादी करने वाले हिंदू पुरुषों को भी दंडित किया जाएगा। ट्रिपल तलाक से पीड़ित महिलाओं के मुकदमे सरकार निश्शुल्क लड़ने की व्यवस्था करेगी।
पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए 6000 रुपये सालाना अनुदान देने की योजना भी बनेगी। वहीं, शिक्षित महिलाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। बीमा योजनाओं का लाभ ट्रिपल तलाक पीड़ित महिलाओं को दिया जाएगा।
सबको सम्मान के साथ जीने का अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद के माध्यम से तीन तलाक का दंश झेल रही महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए यह एक छोटा सा प्रयास है। पीएम मोदी ही ट्रिपल तलाक से मुक्ति दिला सकते थे। ऐसा करके उन्होंने नारी शक्ति को सम्मान दिया है। इसके लिए उन्होंने पीएम का आभार जताया।
सबको सम्मान के साथ जीने का अधिकार है, यह निर्माण की लड़ाई है, इसे आगे बढ़ाने के लिए ही हम सभी यहां उपस्थित हुए हैं। गाड़ी का एक पहिया पुरुष है तो दूसरी महिला। इसलिए पुरुष के विकास के साथ-साथ महिलाओं का विकास भी बेहद जरूरी है। समाज का कोई हिस्सा या कोई भी व्यक्ति खुद को उपेक्षित व अपमानित महसूस न करे, इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए।
आजादी के तत्काल बाद ही इस लड़ाई को लड़ना चाहिए था, लेकिन निजी स्वार्थ हेतु पिछली सरकारों ने ऐसा नहीं किया। यूपी में पिछले एक साल में 273 मामले आए थे। हमने सभी में एफआइआर करवाई। मैंने यहां प्रमुख सचिव, गृह को इसीलिए बुलाया है कि वह इन सभी मामलों की खुद समीक्षा करें और जिन पुलिस कर्मियों ने लापरवाही बरती है, उन पर भी कार्रवाई हो।
इस दौरान तीन तलाक पीड़ित महिलाओं ने अपना दु:ख साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी ने हमारा दर्द समझा और उसे बांटा। हमें हमारा हक दिलाने व जिंदगी के लिए नया हौसला देने के लिए हम सभी केंद्र व राज्य सरकार के आभारी हैं। इस मौके पर मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता, राज्यमंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज) मोहसीन रजा मौजूद रहे।