वाराणसी में उस वक्त एक बड़ा हादसा होते होते टल गया जब तीर्थयात्रियों से भरी रोडवेज की अनुबंधित बस लहरतारा रेलवे ओवरब्रिज पर लगी रेलिंग को तोड़ते हुए हवा में लटक गई.
हालंकि खुशकिस्मती से बस नीचे नहीं गिरी, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता. अगर बस नीचे से गुजर रहे हाई वोल्टेज की तार और गेटमैन की इमारत पर गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
हादसे के बाद बस में मौजूद 30 से 35 तीर्थयात्रियों में चीख-पुकार शुरू हो गई. मौके पर मौजूद लोगों और पुलिसकर्मियों ने तीर्थयात्रियों को बस की आपातकालीन खिड़की को तोड़कर बाहर निकाला. दुर्घटना में किसी को भी ज्यादा चोट नहीं आई है.
अगर बस की रफ्तार ज्यादा तेज रही होती तो वह आरओबी की रेलिंग तोड़ते हुए नीचे से गुजर रही हाई वोल्टेज की तार से टकरा सकती थी और फिर वहीं पर बने गेटमैन की इमारत पर जाकर गिर जाती. इससे बड़ा हादसा होने का अंदेशा था और रेलवे रूट भी प्रभावित हो सकता था.
दुर्घटना के बारे में बस ड्राइवर सूरज प्रताप ने बताया कि बस में 30 से 35 यात्री सवार थे, लेकिन किसी को चोट नहीं आई. दुर्घटना की वजह बस की कमानी यानी कीपिंग का टूट जाना है. वहीं बस अगर नीचे गिरती तो सीधे रेलवे लाइन के किनारे गेटमैन की इमारत से जाकर टकराती. नीचे मौजूद रेलवे कर्मचारी और गेटमैन सच्चिदानंद दुर्घटना के बाद से ही सहम गए. उन्होंने बताया कि रेलिंग का मलबा इमारत पर गिरा है.
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