भारत ने रूस के समक्ष एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल के लिए गलत तरीके से ले जाये भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित होनी चाहिए। कजाकिस्तान में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता में इस मुद्दे को उठाया।
दोनों विदेश मंत्री कजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वहां हैं। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अगले हफ्ते मॉस्को में होने वाली भारत-रूस शिखर बैठक के एजेंडे पर भी बात हुई है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की तरफ से भी राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष भारतीयों को गलत सूचना के आधार पर रूस की सेना में भर्ती किये जाने का मामला उठाया जाएगा।
रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसें है दर्जनों भारतीय
यूक्रेन-रूस सीमा पर दर्जनों भारतीयों के फंसे होने की संभावना है। इनमें से तकरीबन दो दर्जन भारतीयों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है और दस भारतीयों को स्वदेश लाने में सरकार सफल भी रही है। जबकि अभी तक यूक्रेन सीमा पर दो भारतीयों के युद्ध में मारे जाने की सूचना है।
युद्ध ग्रस्त इलाकों में फंसे भारतीय लोगों की सुरक्षा पर सरकार का जोर
जयशंकर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि, अस्ताना में विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात हुई। हमारे बीच द्विपक्षीय संबंधों से लेकर समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई है। युद्ध में फंसे भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा मैंने बहुत ही जोरदार तरीके से उठाया है। मैने उन भारतीयों के सुरक्षित वापसी पर जोर दिया है। दूसरे अन्य मुद्दों पर भी हमारे बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ है।
8 जुलाई को रूस जाएंगे पीएम मोदी
जयशंकर और लावरोव के बीच यह मुलाकात पीएम मोदी की अगले हफ्ते होने वाली मास्को यात्रा को देखते हुए महत्वपूर्ण है। इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय प्रधानमंत्री 8-9 जुलाई को रूस और आस्ट्रिया जाने की तैयारी में हैं। भारत और रूस के बीच हर वर्ष शिखर सम्मेलन होता रहा है लेकिन यह बैठक वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में नहीं हुई थी।