एजेंसी/ नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो प्रसारण मन की बात कार्यक्रम से जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भीषण गर्मी पर चिंता जताई। उनका कहना था कि पशु – पक्षी इंसान हर कोई चिंतित है। जंगल कट रहे हैं। पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस 5 जून को है। इस बार यूएन ने जीरो टॉलरेंस की बात करते हुए वाईल्ड लाईफ पर चर्चा करने का विषय रखा है। मगर हमें पानी, पेड़, जंगल की चर्चा करनी है। यदि सूखे पत्ते हों और कहीं लापरवाही बरती जाए तो बहुत बड़ी हानि हो जाती है। ऐसे 11 राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई जो सूखे से प्रभावित हैं। उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के मुख्यमंत्री से भेंट हुई। राज्यों को आवश्यक बातें कही गईं।
उन्होंने जानकारी दी कि सूखे की स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार ने क्या – क्या प्रयास किए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि जल संग्रहण और ग्राउंड मैनेजमेंट की दिशा में प्रयास किए जाऐं तो कुछ सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। पानी परमात्मा का प्रसाद है। यदि एक बूंद भी यह बर्बाद हो तो हमें पीड़ा होना चाहिए। जल संरक्षण, जल संवर्द्धन और जल सींचन का भी महत्व है। ऐसी फसल का उत्पादन करें जो कि कम से कम पानी में होती हों। गन्ने और चांवल की खेती में भी अब कम पानी का उपयोग होने लगा है। यह एक अच्छी बात है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और गुजरात में डीप इरीगेशन का उपयोग हुआ है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में चलाए जाने वाले ग्राम सुराज अभियान तो मप्र में बलराम तालाब और कपिलधारा योजना की बात कही। उन्होंने राजस्थान और गुजरात की बावडियों को जलमदिर के तौर पर विकसित करने का अभियान चलाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ राज्यों ने नदियों में छोटे – छोटे बांध बनाकर पानी रोकने का अभियान चलाया है। जून से सितंबर तक हम तय करें कि पानी की एक बूंद भी बर्बाद न होने दें। उन्होंने कहा कि ईश्वर तो हमारी जरूरत के अनुसार पानी देता ही है। पानी केवल किसानों का विषय नहीं है। पानी शहरी, ग्रामीण, किसान, गरीब हर किसी से जुड़ा विषय है।
इस बार दीवाली मनाऐं तो इस बात का आनंद लें कि हमने कितना पानी बचाय। जब हम थक जाते हैं तो विशाला सरोवर देखें या मुंह पर पानी छींटें तो थकान दूर हो जाती है। जल संचय को उन्होंने बहुत बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने केश लैस मनी ट्रांजिक्शन सिस्टम की बात करते हुए कहा कि बैंकिंग सिस्टम डिजिटलाईड़ज हो गया है। इससे पारदर्शिता आएगी और हमें नोटों की जरूरत भी नहीं होगी। हम इस दिशा में कार्य करें। तो सफलता मिलेगी। पहले किसी ने सोचा भी नही था कि सभी मोबाईल उपयोग करेंगे लेकिन अब तो उसके बिना रहा नहीं जाता।
उन्होंने खेल के क्षेत्र में चर्चा करते हुए कहा कि ओलिंपिक नज़दीक हैं। देश में ओलिंपिक के लिए हमारे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का कार्य होना चाहिए। देश में हमारे खिलाड़ियों के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वे पजाब में बनी अकादमी में पहुंच जहां राष्ट्रीय खिलाड़ियों का रखा जाता है। वहां उन्होंने सभी बातें बारीकी से देखीं। उन्होंने ट्रेनर से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि हम सब हमारे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें। कोई चित्र बनाए कोई गीत लिखे। जब खिलड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है तो उसके परिणाम अच्छे आते हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी एप पर कई सारे सुझाव आने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों का फुटबॉल के प्रति अच्छा लगाव है। हर बात को जीत और हर की कसौटी पर न रखा जाए। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि लोगों में उत्साह का माहौल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शैक्षणिक परिदृश्य में परीक्षा परिणाम आने और उनमें छात्राओं के अग्रणी होने पर खुशी जताई उन्होंने परिणाम में असफल और सफल हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि माय गोव के गौरव पटेल की परेशानी उन्होंने देखी और कहा कि गौरव ने यह कहा कि चार मार्क्स और आते तो 90 प्रतिशत हो जाते ऐसा सभी कह रहे हैं। आखिर जीवन में यही सब है क्या। पीएम ने कहा कि यह वेदना गौरव की नहीं है बल्कि कई लोगों की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर चीज़ में असंतोष खोजने से हम समाज को सही दिशा में नहीं ले जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम उदाहरण देकर कहा कि मैंने एक कविता लिखी थी जिसमें मेरी वेदना कोई नहीं समझ पाया। बस उसमें लोग टचक देख रहे थे। उन्होंने कहा कि जो मिला है उसमें संतोष नहीं करेंगे तो फिर उस पर मजबूत इमारत नहीं बना पाऐंगे। उन्होंने माता पिता से बच्चों पर अपनी इच्छाऐं न थोपने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम ऐसा जीवन क्यों न जीऐं कि बीमारी आए ही नहीं। स्वच्छता बीमारी से बचने का आधार है। उन्होंने योग करने की अपील भी सभी से की।
उन्होंने कहा कि 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। पूरे विश्व को हमने यह धरोवर दी है। योग से जुड़े हुए व्यक्ति के जीवन में स्वस्थ्य रहना, अप्रतीम आत्मविश्वास से भरा होना आदि सहज उपलब्धियां होती हैं। उन्होंने कहा कि 21 जून विश्व योग दिवस यह केवल एक दिन ही नहीं है बल्कि यह दिन हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने अपील की कि आप जहां भी रहते हैं। वहां योग करें या उसे करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने 1922 1922 नंबर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस नंबर पर मिस कॉल कर आप मन की बात को जब भी चाहें सुन सकते हैं।