सनातन काल की बात करें या आज की, जब-जब किसी ने स्त्री का अपमान किया है, उसका निश्चित ही विनाश हुआ है। जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ तो सभा में मौजूद सभी लोग उनका अपमान होते हुए देखते रहे लेकिन किसी ने इस घटनाक्रम को रोकने की कोशिश नहीं की। तब द्रौपदी ने क्रोधित होकर कौरवों को श्राप दिया और आखिर में कौरवों का अंत हो गया।
ठीक उसी तरह जब रावण, माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका ले गया था और उनका अपमान किया था तो माँ सीता के श्राप की वजह से पूरी लंका समाप्त हो गई। और तो और माँ सीता ही रावण के अंत का कारण बनी थीं।
हालांकि प्राचीन काल से महिलाओं का सम्मान करने के लिए कहा गया है। महाभारत में भी जब भीष्म पितामह मृत्यु की शैया पर लेटे थे। तब उन्होंने महिलाओं के बारे में ऐसी ही कुछ गुप्त बातें बताई जो हर पुरुष को जानना चाहिए।
अब ज्यादा मत सोचिए। तुरंत पढ़ लीजिए यह स्टोरी।
मृत्यु शैया पर भीष्म पितामह
नीति की बातें
सम्मान पर जोर
स्त्री का सुख
भीष्म पितामह ने बताया कि, उसी घर में प्रसन्नता का वास रहता है, जहां स्त्री प्रसन्न हो। जिस घर में स्त्री का सम्मान न हो और उसे कई प्रकार के दुःख दिए जाते हो, वहां से भगवान और देवता भी चले जाते हैं।
सम्मान पर जोर
स्त्री का सुख
दुःख की बात
बेटी का सम्मान
बहू का सम्मान
श्राप-शोक से मुक्ति
महिलाओं और रोगियों का श्राप
रामायण है उदाहरण
रावण ने भी माता सीता का अपहरण कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था। इसके बाद माता सीता ने रावण को श्राप दिया और रावण का विनाश हो गया। ठीक उसी तरह महिलाओं को प्रताड़ित करने वालों का अंत निश्चित होता है।