ईष्ट रावल देवता की पूजा के साथ गौचर में 70वां राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का शानदार आगाज हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मेले का विधिवत् उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
गौचर मेला प्रसिद्व राजकीय मेला
गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की।
मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं। मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं और जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया।
हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छटा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है।
सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है और औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं।
रोड एवं हवाई कनेक्टिविटी में विस्तार
पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाइफलाइन है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड को बनाना है देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य
प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। सीएम ने कहा कि आपका यह मुख्य सेवक आपको विश्वाश दिलाता है कि जब तक उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य नहीं बन जाएगा, हम चैन से नही बैठेंगे। उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
इन्हें किया सम्मानित
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
बच्चों ने निकाली प्रभात फेरी
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कंट्री का आयोजन किया गया।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किए प्रस्तुत
खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को मसहूर जादूगर द्वारा एक जादुई यात्रा में हैरत अंगेज जादू दिखाएं जाएंगे। गौचर मेले में पारंपारिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
सीएम को क्षेत्र की समस्या से कराया अवगत
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभांरभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेद्र भट्ट, कैबनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डा.धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्र, मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय आदि सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
ऐतिहासिक व्यापार मेले रूप में जाना जाता गौचर मेला
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड को मेलों की संस्कृति और विचारों का मिलन स्थल माना जाता है। यहां के प्रसिद्व मेलों में से एक अनूठा मेला गौचर मेला है। गौचर अपने ऐतिहासिक व्यापार मेले के रूप में जाना जाता है।
गढवाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर माह नवंबर, 1943 में प्रथम बार गौचर में व्यापारिक मेले का आयोजन शुरू हुआ तथा बाद में धीरे-धीरे इसने औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया।
गौचर मेले का आयोजन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन के अवसर पर 14 नवंबर को होता है। यह मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय बन चुका है। मेले में कई प्रकार की दुकाने लगाई जाती है। साथ ही मेले में स्थानीय लोग हाथ से बनाएं स्वेटर तथा कई प्रकार के वस्त्रों का विपणन भी करते है।