नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीटीसी से शुक्रवार को कहा कि या तो वे यमुना किनारे बने मिलेनियम बस डिपो को एक वर्ष में स्थानांतरित कर दें या उसकी मौजूदगी को वैध बनाने के लिए मास्टर प्लान में संशोधन करें।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति ने इस मामले पर दिल्ली सरकार और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की अलग अलग याचिकाओं पर निर्णय सुनाते हुए यह आदेश दिया। ये याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दर्ज कराई गई थी जिसमें अदालत ने बस डिपो को स्थानांतरित करने के लिए अधिकारियों को और अधिक समय देने से इनकार कर दिया था। वर्ष 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान बसों को खड़ा करने के लिए इस डिपो के अस्थायी निर्माण की अनुमति दी गई थी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने डिपो को स्थानांतरित करने को लेकर दिल्ली सरकार के रख पर उसकी खिंचाई करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने ‘ऑन रिकॉर्ड’ कहा था कि स्थल को खाली कराया जाएगा। न्यायालय ने दिल्ली सरकार और डीटीसी द्वारा अदालत के आदेश के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर अपना फैसला 27 जनवरी को सुरक्षित रखा था।
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