अक्सर लोग लेफ्ट ब्रेन का इस्तेमाल करते है, जी हाँ ब्रेन में तीन भाग होते है, राइट ब्रेन, लेफ्ट ब्रेन और दोनों को जोड़ने वाला हिस्सा मिड ब्रेन. ब्रेन में मौजूद हिस्सा यानि राइट ब्रेन का इस्तेमाल कम ही किया जाता है. टैलेंटेड व्यक्ति भी अपनी जिंदगी में ब्रेन के छोटे से अंश का इस्तेमाल ही करता है.

आपको बता दे कि मिड ब्रेन एक्टिव हो जाए तो बच्चा ऑलराउंडर बन जाता है. इससे आईक्यू और इक्यू दोनों ही बढ़ते है. मिड ब्रेन एक्टिवेशन ध्यान और विज्ञान के मेल से विकसित एक विशेष टेक्निक है जिससे सबसे पहले बच्चे के ब्रेन को अल्फ़ा तरंग की स्टेज में लाया जाता है. इस अवस्था में मिड ब्रेन कॉन्शियस और सबकॉन्शियस स्थिति के बीच ब्रिज का काम करने लगता है. जिसके बाद एक खास तरह की ब्रेन-वेब्स, विशिष्ट ध्वनि तरंगे सुनवाई जाती है, जिससे मिड-ब्रेन के न्यूरॉन सेल्स सक्रिय हो जाते है.
मिड ब्रेन एक्टिव होने से ध्यान, कल्पनाशक्ति, रचनात्मकता और जल्दी पढ़ने की कला जागृत हो जाती है. यह पर्सेस साइंटिफिक है, इसे म्यूजिक, डांस, पहेलियां एवं विभिन्न खेल आसान और रोचकपूर्ण बनाते है. मिड ब्रेन एक्टिवेशन 2 दिन में हो जाता है. पहले और दूसरे दिन 6-6 घंटे प्रेक्टिस करवाई जाती है. तीन महीने की प्रेक्टिस से पूरा एक्टिवेशन हो जाता है.
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