स्त्री पुरुष अनुपात में दशकों से पीछे रहा हरियाणा बदल रहा है। यहां की बेटियों की कहानियां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान पा रही हैं और छोरियां छोरों से कम नहीं होती भी हरियाणा की इसी नई सूरत की नई दमक है। ट्रेलर में सतीश कौशिक फिल्म सूरमा के अपने किरदार से दो कदम आगे निकल चुके हैं। उनकी अदाकारी के हिंदी सिनेमा में कॉमेडी के अलावा दूसरे आयाम कम ही देखने को मिले हैं, लेकिन इस कलाकार में अब भी बहुत दमखम बाकी है। ट्रेलर रश्मि सोमवंशी को भी अपनी काबिलियत की झांकी दिखाने का मौका देता है और उनके लिए नई उम्मीदें भी जगाता है। निर्देशक राजेश बब्बर ने फिल्म का कैनवास बड़ा रखने का अच्छा प्रयास किया है और इसका संगीत भी फिल्म को मजबूत सहारा देते दिखता है।