बुद्ध पूर्णिमा के दिन रवि योग सहित 3 शुभ योग बन रहे हैं। इनमें भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। बुद्ध पूर्णिमा की रात में कुछ उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है और मन की शांति के लिए भी इस रात का विशेष महत्व है।
वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन लक्ष्मी पूजन का भी विशेष महत्व है। रात में लक्ष्मी जी की पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा 11 मई को शाम 8:01 मिनट पर शुरू होकर 12 मई की रात 10:25 मिनट रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। चंद्रोदय शाम 6:57 मिनट पर होगा।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बन रहें हैं ये योग
बुद्ध पूर्णिमा पर तीन तरह के योग बन रहे हैं। सुबह 05:32 से 06:17 तक रवि योग रहेगा। इस योग में भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि मिलेगी। सभी तरह के दुख खत्म होंगे। भद्रावास योग सुबह 9:14 मिनट तक रहेगा। भद्रा पाताल लोक में होगी।
भद्रावास योग में पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। वरीयान योग पूरी रात रहेगा, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा और साधना करने का विशेष फल मिलता है। इस योग में किए गए मंगलदायक कार्य सफल होते हैं और साधक को उनका शुभ फल मिलता है।
बुद्ध पूर्णिमा की रात में करें ये उपाय
पीपल के पेड़ के नीचे रात में चौमुखी दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का आह्वान करना चाहिए।
रात में 11 कौड़ी लकर उस पर हल्दी लगा दें। फिर उन्हें माता लक्ष्मी के चरणों में चढ़ाएं।
अगले दिन उन कौड़ियों को उठाकर लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें।
कच्चे दूध में चीनी और अक्षत मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से उसका अशुभता कम होती है।
रात के समय में चावल, चीनी, दही, सफेद कपड़े आदि का दान दें, इससे चंद्रमा ठीक होता है।
चंद्रमा के उपाय करने से मन स्थिर और शांत होता है। आपके लिए गए फैसले सही होते हैं।
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