महाराष्ट्र: संजय राउत ने दिए मनसे के साथ गठबंधन के संकेत

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति से पवार और ठाकरे ब्रांड को खत्म करने की कोशिश की गई है, लेकिन उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता।

महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी और मनसे के बीच गठबंधन की चर्चा है, लेकिन हाल ही में मनसे के एक शीर्ष नेता ने कहा कि बेहतर प्रस्ताव मिलने पर ही गठबंधन पर विचार किया जाएगा। हालांकि अब शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी मनसे के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मराठी लोगों की भलाई के लिए दोनों नेता साथ आएंगे।

संजय राउत बोले- गठबंधन के लिए मनसे और दिल से तैयार
संजय राउत ने कहा कि ‘मराठी लोगों की भलाई के लिए उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे के साथ गठबंधन के लिए ‘मनसे’ और दिल से तैयार हैं।’ गौरतलब है कि इस साल के अंत में मुंबई, ठाणे, नासिक, नागपुर और पुणे के नगर निगमों सहित महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। संजय राउत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब गुरुवार को मनसे के नेता संदीप देशपांडे ने कहा था कि राज ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन पर तभी विचार करेंगे, जब कोई ठोस प्रस्ताव सामने आएगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के पिछले प्रयासों के लिए उन्हें धोखा मिला था। उन्होंने कहा, ‘अगर शिवसेना (यूबीटी) को लगता है कि मनसे के साथ गठबंधन संभव है, तो उन्हें एक ठोस प्रस्ताव के साथ आना चाहिए। राज ठाकरे इस पर फैसला लेंगे।’

बीते माह से है दोनों पार्टियों में गठबंधन की चर्चा
राज ठाकरे ने पिछले महीने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ एक इंटरव्यू में संकेत दिए थे कि मराठी मानुस के लिए वे शिवसेना यूबीटी से हाथ मिला सकते हैं। इसके कुछ घंटों बाद ही उद्धव ठाकरे ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद ही दोनों पार्टियों में गठबंधन की चर्चा शुरू हो गई थी।

‘महाराष्ट्र की राजनीति से पवार और ठाकरे ब्रांड को खत्म नहीं किया जा सकता’
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति से पवार और ठाकरे ब्रांड को खत्म करने की कोशिश की गई है, लेकिन उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता। पुणे में एक मराठी समाचार पोर्टल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने कहा, ‘जहां तक ठाकरे ब्रांड का सवाल है, मेरे दादा प्रभोदनकर ठाकरे ने महाराष्ट्र पर सबसे पहले बड़ा प्रभाव डाला। उनके बाद बालासाहेब ठाकरे और फिर मेरे पिता श्रीकांत ठाकरे ने संगीत में अपनी छाप छोड़ी। बाद में उद्धव और मैंने दोनों ने अपना प्रभाव छोड़ा।’

मनसे नेता ने कहा कि ‘निस्संदेह इन ब्रांड्स को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इन्हें आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भले ही शीर्ष पर बैठे नेता बदल जाएं, लेकिन ब्रांड बने रहेंगे।’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में 2022 और 2023 में बंटवारा हो गया था। शिवसेना का एक बड़ा हिस्सा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है, और एनसीपी का भी यही हश्र हुआ, जहां अजित पवार अधिकांश विधायकों के साथ सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा बन गए।

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