सीएम शिंदे को ही चेहरा बनाने का फैसला किया गया। हालांकि, इसके बदले शिंदे गुट को सीटों के मामले में त्याग करना पड़ा है। बीते चुनाव में शिवसेना 124 सीटों पर मैदान में उतरी थी।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में शामिल तीनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है। कई दौर की बैठक के बाद तय किया गया है कि चुनाव में वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे ही महायुति का चेहरा होंगे। इसके साथ ही बीजेपी के खाते में सबसे अधिक सीटें आई हैं। वहीं एनसीपी को इस बंटवारे में सबसे कम सीटें मिली हैं।
किसको कितनी सीटें?
भाजपा बीते चुनाव के मुकाबले कुछ अधिक सीटों पर तो शिवसेना (शिंदे गुट) को संयुक्त शिवसेना के मुकाबले कम सीटें मिलेंगी। सीट बंटवारे की घोषणा एक सप्ताह के अंदर होने की संभावना है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, न सिर्फ सीट बंटवारे पर सहमति बनी है, बल्कि इस क्रम में किसके हिस्से कौन सी सीट आएगी इस पर भी करीब-करीब सहमति बन गई है। अब करीब 40 से 48 सीटें बची हैं, जिन पर विचार-विमर्श चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की 288 सीटों में से भाजपा के हिस्से करीब 160, शिंदे गुट के हिस्से 90 से 95 और एनसीपी अजीत गुट के हिस्से 35 से 40 सीटें आएंगी।
शिंदे पर ही दांव क्यों?
भाजपा नहीं चाहती कि शिवसेना यूबीटी को शिंदे गुट पर सवाल उठाने का मौका मिले। यही कारण है कि सीएम शिंदे को ही चेहरा बनाने का फैसला किया गया। हालांकि, इसके बदले शिंदे गुट को सीटों के मामले में त्याग करना पड़ा है। बीते चुनाव में शिवसेना 124 सीटों पर मैदान में उतरी थी। इस बार यह संख्या अधिकतम 95 होगी। इन्हीं बची सीटों में एनसीपी अजीत गुट के लिए रास्ता निकाला गया है।
कार्यकर्ताओं को समझाने में जुटी भाजपा सीएम का चेहरा शिवसेना (शिंदे) के हिस्से में जाने के कारण कार्यकर्ताओं में संभावित निराशा को दूर करने के लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। गृह मंत्री अमित शाह के 2029 में अपने दम पर सरकार बनाने संबंधी बयान को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं को यह भी बताएगी कि समझौते के तहत पार्टी बीते चुनाव के 152 सीटों के मुकाबले करीब 160 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।