वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी और वर्ष 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के गवाह लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित बृहस्पतिवार को अपने बयान से पलट गए। पुरोहित सेना की कड़ी सुरक्षा में मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुए थे।
नौ लोगों की जान लेने वाले और कई अन्य को घायल करने वाले 18 मई, 2007 को हुए मक्का मस्जिद विस्फोट में पुरोहित को गवाह बनाया गया था। इस मामले को बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने हाथ में ले लिया था। इस मामले में सुनवाई करने वाली एक सत्र अदालत ने पुरोहित को अभियोजन पक्ष के साक्षी के तौर पर बुधवार को बुलाया था।

पुरोहित ने अदालत को बताया कि वह भारतीय सेना के खुफिया रोधी सेल में काम करते थे और इस दौरान कई लोगों से मिलते थे। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि आरोपी कथित रूप से मक्का मस्जिद विस्फोट में शामिल था। कर्नल पुरोहित ने अभिनव भारत ट्रस्ट से किसी भी तरह से जुड़े होने से इनकार कर दिया।
हालांकि उन्होंने माना कि वह मालेगांव विस्फोट के आरोपियों अजय राहिरकर और कुलकर्णी को जानते थे। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि इस मामले में सीबीआई ने उनका बयान रिकॉर्ड किया था।