कार्बाइन गन से हुए हादसे में घायल युवाओं और बच्चों का हालचाल जानने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल शुक्रवार को सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों की स्थिति की जानकारी ली और सभी को उच्चस्तरीय इलाज और निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डॉक्टरों ने बताया कि हादसे में घायल हुए कुल 37 मरीजों में से 32 पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 5 मरीजों का इलाज जारी है।
हरसंभव सहायता प्रदान करेगी सरकार
उप मुख्यमंत्री ने घायलों से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि राज्य सरकार उनके पूर्ण स्वास्थ्य लाभ तक हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। शुक्ल ने चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि सभी घायलों को सर्वोत्तम उपचार मिलना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वैधानिक कार्रवाई की जाएगी
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे की जांच जारी है और अवैध रूप से पटाखा या विस्फोटक सामग्री रखने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता सिंह, अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन तथा अन्य वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे।
जानकारी में आया गंभीर तथ्य
कार्बाइड गन के खतरे को लेकर दो साल पहले 2023 में ICMR भोपाल ने चेतावनी दी थी। ICMR के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में बताया था कि कैल्शियम कार्बाइड और पानी के रासायनिक प्रतिक्रिया से बनने वाली गैस ‘एसिटिलीन’ केवल धमाका नहीं करती, बल्कि आंखों की रोशनी को भी नुकसान पहुँचा सकती है। यह स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी में प्रकाशित भी हुई थी। उसके बावजूद समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, जिसकी वजह से अब तक भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में लगभग 162 लोग कार्बाइड गन से घायल हो चुके हैं। इनमें अधिकांश की आंखें जल चुकी हैं और उन्हें देखने में परेशानी हो रही है।
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