भूमि सर्वेक्षण निदेशालय के वन संरक्षक एके गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। उन पर चंपावत वन प्रभाग में डीएफओ रहने के दौरान लगे वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितता के आरोपों की प्रारंभिक जांच में पुष्टि के बाद शासन ने यह कदम उठाया है। गुप्ता को प्रमुख मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से संबद्ध किया गया है। वर्ष 2017 में इस बहुचर्चित प्रकरण की जांच वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी ने की थी। जांच में चंपावत प्रभाग में करोड़ों का घपला उजागर हुआ था।
यह था मामला
सितंबर 2017 में चंपावत के तत्कालीन डीएफओ एके गुप्ता का एक लीसा ठेकेदार से कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल हुुआ। इसके सुर्खियां बनने पर शासन ने गुप्ता को प्रशासनिक आधार पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से संबद्ध कर दिया था। साथ ही तत्कालीन प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन ने कमीशन मामले के साथ ही गुप्ता के छह साल के कार्यकाल के दौरान चंपावत में हुए कार्यों की जांच वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी को सौंपी।
सामने आया करोड़ों का घपला
आइएफएस चतुर्वेदी ने दिसंबर 2017 में अपनी जांच रिपोर्ट वन मुख्यालय के साथ ही शासन को सौंपी। 2000 पृष्ठों की जांच रिपोर्ट में चंपावत प्रभाग में करोड़ों का घपला उजागर हुआ। बात सामने आई कि गुलिया-छिलका के नाम पर बड़े पैमाने पर आरक्षित व पंचायती वनों में चीड़ के पेड़ काटे गए। लीसा मद में पांच करोड़ से ज्यादा का अनियमित वित्तीय व्यय उजागर हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि छह साल की अवधि में चंपावत में वृक्ष संरक्षण अधिनियम, इमारती लकड़ी एवं अन्य वन उपज अभिवहन नियमावली और शासनादेशों की अवहेलना की गई। जांच अधिकारी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे राज्य सतर्कता ब्यूरो को सौंपने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में कार्रवाई व वसूली की सिफारिश की थी।
दो साल बाद हुई कार्रवाई
इस बहुचर्चित प्रकरण की जांच के बाद कुछ समय तक तो कार्रवाई की बात होती रही, लेकिन मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच वन मुख्यालय से संबद्ध एके गुप्ता को भूमि सर्वेक्षण निदेशालय में वन संरक्षक के पद पर तैनाती दे दी गई। दो साल के बाद प्रकरण में अब कार्रवाई हुई है। प्रमुख सचिव वन आनंद बद्र्धन की ओर से वन संरक्षक गुप्ता के निलंबन आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक एके गुप्ता के डीएफओ चंपावत रहते हुए उनके खिलाफ हुई भ्रष्टाचार की शिकायतें आईं। इनकी प्रारंभिक जांच आख्या में वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितता बरतना परिलक्षित हुआ है। प्रमुख सचिव वन आनंद बद्र्धन ने बताया कि अब गुप्ता को आरोपपत्र सौंपा जाएगा।