कनाडा के कैलगरी में भारतीय मूल के एक ट्रक डाइवर ने बस में टक्कर मार दी थी। जिसके बाद उसे भारत निर्वासित करने का आदेश दिया गया। आरोपी के निर्वासन का मामला आव्रजन और शरणार्थी बोर्ड के पास है। उन्होंने सुनवाई के दौरान सिद्धू को निर्वासित करने का आदेश दिया है। बताया गया है निर्वासन प्रक्रिया में महीनों या साल लग सकते हैं।
कनाडा के कैलगरी में भारतीय मूल के एक ट्रक डाइवर ने बस में टक्कर मार दी थी। जिसके बाद उसे भारत निर्वासित करने का आदेश दिया गया। ट्रक डाइवर का नाम जसकीरत सिंह सिद्धू बताया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्राइवर ने ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ते हुए रास्ते में आ रही हम्बोल्ट ब्रोंकोस जूनियर हॉकी टीम की बस को टक्कर मार दी। बताया गया है इस भीषण टक्कर से बस में बैठे 16 सदस्यों की मौत हो गई, जबकि 13 घायल हो गए हैं।
ट्रक ड्राइवर को सुनाई गई 8 साल की सजा
बता दें कि, ये मामला साल 2018 का है। 2018 में खतरनाक ड्राइविंग के लिए ट्रक ड्राइवर को 8 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उसे पैरोल भी दी गई। इसके बाद कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने उनके निर्वासन की सिफारिश की थी।
फिलहाल सिद्धू के निर्वासन का मामला आव्रजन और शरणार्थी बोर्ड के पास है। उन्होंने सुनवाई के दौरान सिद्धू को निर्वासित करने का आदेश दिया है। जिसके बाद सिद्धू के वकील माइकल ग्रीन ने कहा, सिद्धू भारत से हैं और उन्हें कनाडा में स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त है। सिद्धू के वकील ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि अभी भी कई अन्य कानूनी प्रक्रियाएं बाकी हैं और निर्वासन प्रक्रिया में महीनों या साल लग सकते हैं।
आरोपी के वकील ने की फैसले को रद्द करने की मांग
सिद्धू के वकील का कहना है, यह पहले से तय था कि सिद्धू को निर्वासित करना है, बस सिद्धू के कोई गंभीर अपराध करने का इंतजार किया जा रहा था। माइकल ग्रीन ने एजेंसी से इस फैसले को रद्द करने और ठीक से जांच पड़ताल करने का आदेश देने का अनुरोध किया था।
बता दें कि इससे पहले ग्रीन ने कोर्ट के सामने दिसंबर के महीने में दलील दी थी। उन्होंने कहा था, इस वक्त हम ऐसी स्थिति में आ गए हैं, जहां स्थायी निवासियों के पास अपने व्यक्तिगत फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बाद सिद्धू के वकील ने कहा था, सुनवाई खत्म होने के बाद सिद्धू को तुरंत हिरासत में नहीं लिया जाए।