ईरान और भारत के बीच बढ़ते तनाव की वजह से भारत को भी एक बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. भारतीय निर्यातकों को इससे अपना भुगतान फंस जाने का डर है और इससे चाय से लेकर दवाओं तक का निर्यात प्रभावित हो सकता है. हालात को देखते हुए ही बासमती निर्यातकों ने चावल के निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी है.
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे हालत में सुधार होने तक ईरान को कोई शिपमेंट न भेजें.
पिछले वित्त वर्ष में भारत कुल 32,800 करोड़ रुपये का निर्यात किया था, जिसमें से करीब 10,800 करोड़ रुपये का निर्यात ईरान को हुआ. जून, 2019 तक हुए निर्यात के लिए बासमती निर्यातकों का ईरान पर करीब 900 करोड़ रुपये का बकाया भी है.
असल में दोनों देशों ने एक साल पहले ही रुपये पर आधारित द्विपक्षीय व्यापार व्यवस्था बनाई है, लेकिन ईरान के पास रुपये का जो भंडार है (जिससे भारतीय निर्यातकों को भुगतान किया जाता है) वह तेजी से खत्म हो रहा है. जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती, भारतीय निर्यातकों का भुगतान अगले तीन-चार महीने के लिए ठप पड़ सकता है.