कोरोना टीकाकरण के लिए लॉन्च सरकारी CoWIN ऐप पर वैक्सीन की खुराक लेने के लिए अब 1 मार्च से खुद ही रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कोविड टीकाकरण पर एम्पावर्ड कमेटी के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
media के साथ एक विशेष इंटरव्यू में रामसेवक शर्मा ने CoWIN ऐप से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर दिया. इसके अलावा उन्होंने टीकाकरण के चरण में लोग कैसे वैक्सीन खुराक ले पाएंगे इसके बारे में भी बताया. उन्होंने ऐप पर पंजीकरण का तरीका भी साझा किया.
रामसेवक शर्मा ने बताया कि कोविन सॉफ्टवेयर अब आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगा. इस पर अभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का ही कोरोना वैक्सीन के लिए पंजीकरण किया जा रहा है.
असल में, भारत मार्च से कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण के लिए तैयार है. दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. साथ ही उन्हें भी वैक्सीन की खुराक दी जाएगी जो 45 से 59 आयुवर्ग के और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं.
अगर आप कोरोना वैक्सीन की खुराक लेने के लिए योग्य हैं तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिये कोविन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
रामसेवक शर्मा ने बताया कि CoWIN ऐप के लिए अलग से मोबाइल की जरूरत नहीं है. इस ऐप को आरोग्य सेतु ऐप के जरिये भी एक्सेस किया जा सकता है. 45-60 आयुवर्ग के जो लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. इस कैटेगरी में 20 बीमारियों की पहचान की गई है.
रामसेवक शर्मा ने कहा कि 60 से ऊपर के लोगों के किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है. उन्हें आधार कार्ड के माध्यम से अपनी पहचान को मान्य करना होगा. लेकिन 45-60 आयुवर्ग के उन लोगों को मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होगी जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि CoWIN के लिए अलग से ऐप की जरूरत नहीं है. अगर आप के पास आरोग्य सेतु ऐप भी नहीं है तो आप सीधे वेबसाइट COWIN.GOV.IN पर जाकर वैक्सीन के लिए रजिस्टर्ड करा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के वक्त डिटेल्स भरने होंगे.
तकनीकी खराबी के सवाल पर कहा कि इस तरह की गड़बड़ियों को लेकर कई गलत धाराणाएं हैं. पीएम ने कार्यक्रम शुरू किया था और हमने पहली बार ऐप का उपयोग शुरू किया था. शुरू में ही तकनीकी दिक्कतों को ठीक कर लिया गया था. असल में डेटा से संबंधित समस्याएं हैं. गलत फ़ोन नंबर भरे जा रहे थे. इसकी वजह से दिक्कत आ रही थी. अब सब ठीक है.
डेटा के दुरुपयोग को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं. आप कितना डेटा मांग रहे हैं? इस पर रामसेवक शर्मा ने कहा कि न्यूनतम डेटा है जो हम ले रहे हैं. नाम, उम्र और जेंडर वह सब है जो हम ले रहे हैं. हम उनसे बायोमेट्रिक डेटा नहीं ले रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन का विकल्प नहीं है. केंद्र पर जो वैक्सीन दी जाएगी वही लगवानी होगी.
प्राइवेट अस्पताल कह रहे हैं कि उन्हें पता नहीं है कि वे टीकाकरण करने वाले हैं. इस राम सेवक शर्मा ने कहा कि सभी निजी अस्पतालों को अनुमति नहीं दी जाएगी. केवल सीजीएचएस और आयुष्मान भारत के तहत आने वाले अस्पतालों को इसकी अनुमति दी जाएगी.