एजेंसी/भारत को कृषि प्रधान देश के तौर पर पहचाना जाता है। स्कूली बच्चो को भी यही ज्ञान दिया जा रहा है। लेकिन क्या वास्तव में दुनिया भर में सिर्फ भारत ही कृषि प्रधान है। यदि आप ये सोचते हैं तो एक बार एक ताज़ा रिपोर्ट पर नज़र ज़रूर डाल लें।
दरअसल, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बडा सब्जी उत्पादक देश तो है, लेकिन ये प्रति हेक्टेयर उत्पादकता के मामले में दुनिया के प्रमुख देशों से काफी पीछे है ।
देश के विभिन्न हिस्सों में फूलगोभी, बंधगोभी, टमाटर, बैंगन और भिन्डी की खेती प्रमुखता से की जाती है, लेकिन प्रमुख देशों की तुलना में यहां इनका उत्पादन चार गुना तक कम है।
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन की वर्ष 2013 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में टमाटर का उत्पादन 20.72 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि अमेरिका में इसका उत्पादन 83.80, स्पेन में 73.60 , ब्राजील में 69.83 और चीन में 51.69 टन प्रति हेक्टेयर तक है।
फूलगोभी या ब्रॉकली का उत्पादन हमारे यहां 19.62 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि मिस्र में 29.00 , इटली में 24.37, और चीन में इसकी पैदावार 20.25 टन प्रति हेक्टेयर तक रही है ।
बंधगोभी के उत्पादन में भी भारत अब काफी पिछडा हुआ है । जापान में प्रति हेक्टेयर बंधगोभी का उत्पादन 79.34 टन, कोरिया में 70.94, अमेरिका में 50.90 और चीन में 33.68 टन है वही यहां इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर केवल 22.94 टन है।
बैगन के उत्पादकता में चीन पहले स्थान पर है। वहां प्रति हेक्टेयर 36.11 टन तक इसकी पैदावार की जाती है जबकि भारत में इसका उत्पादन 18.62 टन ही है। जापान में 33.11, इरान में 31.89 और टर्की में 31.09 टन बैगन का उत्पादन होता है।
देश में प्रति हेक्टेयर 11.96 टन भिन्डी का उत्पादन होता है जबकि अफ्रीकी देश घाना में इसका उत्पादन 20.60 टन है । मिस्र और साउदी अरब में भी भिन्डी की उत्पादकता भारत से अधिक है।
इस मामले में कर सकते हैं थोड़ा संतोष
उत्पादकता भले ही कम हो लेकिन देश में सब्जियों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। यह 1991-92 में 58532 हजार टन से बढ़कर 2014-15 में 168300 हजार होने का अनुमान है।
पिछले पांच वर्षो के दौरान बागवानी फसलों के उत्पादन में सब्जियों की हिस्सेदारी 59 से 61 प्रतिशत तक बनी हुई है । पश्चिम बंगाल सब्जियों के उत्पादन में पहले स्थान पर है।