पुलवामा में आतंकी हमले में 40 CRPF जवानों के शहीद हो जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन कर यह कड़ा संदेश दिया है कि अब बहुत हो चुका. दिल्ली में पाक उच्चायुक्त को भी सरकार ने तलब किया है. भारत इसके अलावा आतंकियों और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है. आइए जानते हैं कि भारत चरम से चरम क्या कदम उठा सकता है. हालांकि इनमें से कई ऐसे विकल्प हैं जिन्हें अपनाना बहुत कठिन है.
1- MFN का दर्जा खत्म, अब पूरी तरह खत्म हो कारोबारी रिश्ता
भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा खत्म कर दिया है. इससे पाकिस्तान को भारत से व्यापार में मिलने वाली सहूलियतें खत्म हो जाएंगी. लेकिन भारत ने पाकिस्तान से सभी व्यापारिक रिश्ते बंद नहीं किए हैं. तो एक चरम कदम यह हो सकता है कि पाकिस्तान से कारोबारी रिश्ता पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए. यह कदम उठाया जा सकता है, क्योंकि भारत से पाकिस्तान का व्यापार करीब 14,000 करोड़ रुपये का ही है. इसका बहुत नुकसान नहीं होगा और इसकी भरपाई अन्य देशों के साथ कारोबार से की जा सकती है.
2- सांस्कृतिक रिश्ते खत्म करो
एक चरम कदम यह हो सकता है कि पाकिस्तान और भारत के बीच सांस्कृतिक और लोगों के यानी पर्सन टु पर्सन रिश्तों पर रोक ल्रगा दी जाए. इसके तहत पाकिस्तान में भारतीय कलाकारों, फिल्मों, सीरियल के जाने और भारत में पाकिस्तानी कलाकारों, मूवी, सीरियल का आने पर रोक लगाई जा सकती है. इसके अलावा समझौता ट्रेन, बस, हवाई यात्रा आदि पर रोक लगाकर लोगों की आवाजाही को रोका जा सकता है. यह चरम कदम तो संभव है, लेकिन इसे काफी अमानवीय माना जा सकता है. भारत और पाकिस्तान में तमाम लोग ऐसे हैं जिनकी आपस में रिश्तेदारी है. किसी का भाई पाकिस्तान में है तो किसी के चाचा हिंदुस्तान में हैं. सारे संबंधों पर रोक लगा देने से ऐसे लोगों को काफी मुश्किल होगी.
3- आतंकवादी देश घोषित कर पाकिस्तान की कमर तोड़ दो
भारत अपनी तरफ से पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित कर सकता है. इसके साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी यह दबाव बनाना होगा कि वह पाक को आतंकी देश घोषित करें. इसके बाद यदि भारत ने अच्छे से अपने राजनयिक कार्ड खेले तो वह पाकिस्तान को काफी मुश्किल में डाल सकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए सभी देशों से बात करे भारत और दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंकपरस्त चेहरे का पर्दाफाश करे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना दबाव बनाकर भारत दूसरे देशों के द्वारा पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगवा सकता है. पाकिस्तान के विदेशी फंडिंग पर रोक लगाई जा सकती है. यही नहीं, भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सामने यह शर्त रख सकता है कि अगर उन्हें भारत में अपना कारोबार करना है तो पाकिस्तान के साथ कारोबार बंद करें. यानी उन्हें भारत और पाकिस्तान में से किसी एक को चुनना होगा. खासकर खाड़ी देशों को इस बात के लिए मनाया जा सकता है कि वे पाकिस्तान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाएं. अगर ऐसा हो सका तो पहले से ही आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान की कमर ही टूट जाएगी.
4- फिर सर्जिकल स्ट्राइक
उरी हमले के जवाब में भारत ने जिस तरह साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक किया था, अब उससे बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक कर पीओके के आतंकी अड्डों को पूरी तरह से खत्म करने का कदम उठाया जा सकता है. इसके अलावा जिस तरह से अमेरिकी सील कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को मारा था, उसी तरह से भारतीय जांबाज कमांडो पाकिस्तान में घुसकर हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगनाओं को खत्म कर सकते हैं. हालांकि यह कदम भी इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस बार पाकिस्तान सचेत है.
5- धारा 370 और 35 ए को खत्म करना
बीजेपी खुद लंबे समय से संविधान की धारा 370 को खत्म करने की मांग करती रही है. इस बार यह मौका है कि बीजेपी सरकार इस मामले में कुछ करे. यह भी एक चरम कदम होगा कि कश्मीर के लिए लागू धारा 370 और 35 ए खत्म कर वहां पूरी तरह से भारतीय सरकार का नियंत्रण हासिल किया जाए. इससे वहां पर हर तरह की कार्रवाई सरकार के लिए संभव होगी और सरकार चाहे तो देश के अन्य हिस्सों के लोगों को वहां बसा कर जनसंख्या ढांचे में भी बदलाव लाया जा सकता है. लेकिन यह विकल्प भी आसान नहीं है, क्योंकि एक तो संविधान संशोधन की प्रक्रिया बहुत कठिन है, दूसरे इससे समूचे कश्मीर के लोग शेष भारत और भारत सरकार के खिलाफ खड़े हो सकते हैं.
जवानों की शहादत से गुस्से में आए तमाम भारतीय ऐसे तर्क दे रहे हैं कि पाकिस्तान पर सीधा हमला कर उसे 1947 और 1965 जैसा सबक देना चाहिए. वैसे भारत ने कभी पहले हमला नहीं किया है, लेकिन अब आतंकवाद के नासूर बन जाने की वजह से लोगों का तर्क है कि भारत को एक बार हमला कर यह खेल खत्म ही कर देना चाहिए. हालांकि यह अंतिम और बेहद चरम कदम होगा. भारत-पाकिस्तान में जंग समूचे दुनिया की शांति भंग कर सकती है. दोनों देश परमाणु संपन्न हैं. इसलिए इस जंग में दोनों देशों को बहुत ज्यादा जन-धन की हानि होगी. ऐसे में इस तरह के हमले की बात व्यावहारिक नहीं लगती. दूसरी बात यह है कि ऐसे हमले में दोनों देशों का ज्यादा नुकसान होगा. हजारों, लाखों की संख्या में लोगों की जानें जा सकती हैं. ऐसे में यह दांव उलटा पड़ सकता है, क्योंकि तब यही लोग यह कहेंगे कि सरकार ने 40 लोगों की शहादत का बदला लेने के लिए हजारों लोगों को मरवा दिया.
7- बंद कर दो पानी
पाकिस्तान को सबक सिखाने का एक तरीका यह भी है कि भारत सिंधु, झेलम जैसी पाकिस्तान तक जाने वाली नदियों का पानी रोक दे. इसके पीछे सोच यह है कि जब पीओके या पाकिस्तान की जनता नदियों के जल को तरसेगी तो पाकिस्तान सरकार को सबक मिलेगा और वह अपने घर के आतंकी अड्डों को नष्ट करने को मजबूर होगा. हालांकि, इस कदम में एक बड़ी अड़चन यह है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ नदी जल साझेदारी को लेकर कई समझौते किए हैं और पाकिस्तान इस मसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय पंचाट में पहुंचेगा, जिससे यह मसला मुकदमेबाजी में उलझ जाएगा. इसके अलावा एक आशंका यह भी है कि भारत में कई प्रमुख नदियों का जल चीन से आता है, तो अगर अपने दोस्त पाकिस्तान के समर्थन में चीन ने भी ऐसा कोई कदम उठाया तो भारतीय जनता को समस्या हो जाएगी.
8- कश्मीर में आतंकियों को चुन-चुन कर मारो
देश के भीतर की जाने वाली कार्रवाई में से एक तरीका यह हो सकता है कि सरकार कश्मीर से आतंक का उसी तरह से खात्मा करे, जिस तरह से पंजाब में इंदिरा गांधी और केपीएस गिल के दौर में किया गया था. कश्मीर के आतंकवाद के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में लाखों की संख्या में सेना की तैनाती कर एक-एक गांव में आतंकियों की तलाशी की जा सकती है और उनको चुन-चुन कर मारा जा सकता है. आतंकियों की फंडिंग नेटवर्क को नेस्तनाबूद करना होगा. इस अभियान का लक्ष्य कश्मीर से आतंकियों का समूल नाश हो सकता है. इसके अलावा इन आतंकियों के समर्थक अलगाववादियों को काबू में रखने का तरीका यह हो सकता है कि उन्हें कश्मीर के बाहर देश की अन्य जेलों में बंद कर दिया जाए.
9- बंद करो खेलकूद
पाकिस्तान के साथ सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि सभी तरह के खेलों में किसी भी टूर्नामेंट या मैच में शामिल होने पर भारत अपनी तरफ से रोक लगा सकता है. भारत यह भी कह सकता है कि किसी भी टूर्नामेंट में चाहे वह विश्व कप क्रिकेट हो, एशियाड और ओलंपिक, वह पाकिस्तान के साथ कोई मैच नहीं खेलेगा. हालांकि यह कदम व्यावहारिक नहीं लगता, क्योंकि इससे भारत को भी काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में किसी टीम के खिलाफ खेलने से आप इनकार नहीं कर सकते, अगर कोई देश ऐसा करता है तो उसे इसका काफी नुकसान उठाना पड़ेगा.
10- सीमा पर सख्त कार्रवाई
अपनी सीमा को मजबूत बनाने के लिए भारत कई सख्त कदम उठा सकता है. समूची सीमा पर बाड़ेबंदी और अन्य उपायों से घुसपैठ के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा सकती है. इसके अलावा भारत सीमा पर सैनिकों की तैनाती, हथियार और अन्य सैन्य साजो-सामान की तैनाती बढ़ाकर पाकिस्तान को डरा सकता है कि वह आतंकियों पर कार्रवाई शुरू करे नहीं तो उसे नतीजा भुगतना होगा.