लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर तनाव करने को लेकर भारत और चीन में आज फिर बातचीत होनी है. दोनों देशों के बीच यह वार्ता मोल्डो में होने वाली है. सूत्रों का कहना है कि इस बातचीत के केंद्र में पैंगॉन्ग-गोगरा के मौजूदा हालात होने चाहिए, जहां डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.
दोनों देशों के कोर कमांडरों की आज यह पांचवीं बैठक है. इसमें भारत मजबूती से फिर कहेगा कि चीन वापस अपनी उसी जगह पर जाए, जहां वो अप्रैल में था.
सूत्रों के मुताबिक चीन दावा कर रहा है कि सभी विवादित प्वाइंट्स पर डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन भारत का कहना है कि गोगरा और पैंगॉन्ग में एक पखवाड़े से अधिक समय से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. एक अधिकारी ने बताया, ‘पैंगॉन्ग और गोगरा एरिया में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. चीनी सैनिकों की संख्या कुछ कम जरूर हुई है, लेकिन बहुत कुछ नहीं बदला है.’
चीन पैंगॉन्ग झील को लेकर चुप्पी साधे हुए है जबकि वह दावा कर रहा है कि गलवान घाटी के साथ साथ हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पहले बीजिंग में कहा था कि तीन प्वाइंट्स पर डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया है. सूत्रों ने बताया कि पैंगॉन्ग और गोगरा में दोनों तरफ सेना अभी भी बनी हुई है.
असल में, पैंगॉन्ग में चीन ने फिंगर 5 और 8 के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. चीनी सेना पीछे नहीं जा रही है. पैंगॉन्ग और गोगरा में अब भी चीनी सेना पीछे नहीं हटी है. फिंगर एरिया में कोई बदलाव नहीं आया है. पैंगॉन्ग झील और हॉट स्प्रिंग्स जो पेट्रोलिंग प्वाइंट 17ए का हिस्सा हैं, को लेकर अस्थिरता बनी हुई है. पैंगॉन्ग झील में चीन फिंगर 4 से फिंगर 5 पर वापस चला गया है लेकिन रिज इलाके में वह अब भी लाव-लश्कर के साथ बना हुआ है.
इससे पहले, इंडिया टुडे द्वारा रिव्यू की गई ताजा उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि एलएसी डिसएंगेजमेंट की बात के बाद भी चीन पैंगॉन्ग झील में अपनी तैनाती बढ़ा रहा है. 14 जुलाई की बातचीत के बाद चीन ने अतिरिक्त बोट और सेना की टुकड़ी को पैंगॉन्ग में तैनात किया है. बताया जा रहा है कि चीनी सेना लगातार अपनी तैनाती को फिंगर फाइव और सिक्स पर बढ़ा रही है.
सूत्रों ने कहा कि अभी भी चीनी सेना की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि उसने फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच स्थापित किए गए ढांचे को ध्वस्त किया हो. सूत्रों ने कहा कि नदी के तट पर दोनों ओर की सेनाओं के बीच की दूरी 4-5 किमी है, लेकिन झील के पहाड़ी किनारों पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच 1 किमी से भी कम दूरी है.
बता दें कि इस मसले पर क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के मकसद से पूर्वी लद्दाख में झड़प वाली जगह से सेनाओं की वापसी को लेकर अभी तक दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच चार चरण की वार्ता हो चुकी है. 14 जुलाई को दोनों देशों की बैठक हुई थी. मोल्डो (चीन) में दो दौर और चुशुल (भारत) में दो दौर की बैठकें हो चुकी हैं.