महाराष्ट्र में उप-मुख्यमंत्री के तौर पर अजीत पवार के इस्तीफे के बाद अब भाजपा सरकार चैप्टर पूरी तरह से बंद हो गया है। 23 नवंबर भाजपा ने जो रातोंरात दांव चला उसके तहत एनसीपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। तब से लेकर अब तक सरकार को लेकर राज्य में विपक्ष दिन-रात एक किए हुए था।

आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बुधवार में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था। लेकिन इससे पहले ही सरकार ने महाराष्ट्र की सरकार ने घुटने टेक दिए। महाराष्ट्र की राजनीति में यह विपक्ष की बड़ी जीत है।
इस जीत के पीछे दो लोगों का राजनीतिक दिमाग काम कर रहा था। इनमें से पहला नाम एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार का है तो दूसरा नाम शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे का है।
भाजपा की सरकार बनने के बाद इन दोनों ने मिलकर अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए जो लामबंदी की उसकी ही बदौलत उन्हें ये देखने को भी मिला। महाराष्ट्र में शरद पवार ने साबित कर दिया है कि उनकी रणनीति के आगे दूसरे राजनीतिक दिग्गज कोई मायने नहीं रखते हैं।
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