विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा डैम के पीछे स्थित गोबिंद सागर झील से गाद निकालने को लेकर 71 वर्षों के बाद, भाखड़ा डैम के जलाशय से गाद हटाने की योजना पर केंद्र सरकार ने सहमति जताई है।
जल शक्ति मंत्रालय ने इस काम के लिए एक 10 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का गठन किया है, जिसमें बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) के मुख्य अभियंता सीपी सिंह भी शामिल हैं। सीपी सिंह ने बताया कि गोबिंद सागर झील में गाद की जांच पिछले दो वर्षों से नियमित रूप से की जा रही थी, और अब झील का 25 प्रतिशत हिस्सा गाद से भर चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर झील में डिसिल्टिंग नहीं की गई, तो इसकी स्टोरेज क्षमता में और कमी आ सकती है। बीबीएमबी ने इस समस्या के समाधान के लिए डिसिल्टिंग की एनआईटी तैयार की थी लेकिन हिमाचल प्रदेश में डिसिल्टिंग पॉलिसी की कमी के कारण टेंडर नहीं जारी हो पाया।
उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, और सरकार ने आश्वासन दिया है कि आगामी विधानसभा सत्र में गोबिंद सागर झील में डिसिल्टिंग पॉलिसी को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद ही टेंडर जारी किया जाएगा। सीपी सिंह ने कहा कि यह समस्या केवल बीबीएमबी की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती है और इसे हल करने के लिए प्रयास जारी हैं। जलाशय की गाद हटाने से न केवल बीबीएमबी बल्कि पूरे राज्य और देश को लाभ होगा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal