शुरुआती दौर के संशय और खौफ के वातावरण छंटने के बाद कोरोना वैक्सीन का अभियान अब गति पकड़ने लगा है। इस दिशा में अब भारतीय रेलवे ने भी अपने कदम बढ़ा दिए है। मार्च से शुरू होने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को देखते हुए रेलवे अपने फ्रंट लाइन कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा में जुट गया हैं। इसी क्रम में रेलवे तीन लाख फ्रंटलाइन कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसमें ड्राइवर, सुरक्षाकर्मी और टिकट चेकर से लेकर ट्रैकमैन तक शामिल हैं।
मीडिया को रेलवे के अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने अपने फ्रंटलाइन वर्कर्स की सुरक्षा को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से चर्चा की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के विमर्श के बाद रेलवे ने अपने सभी विभागों को पत्र लिखकर वैक्सीनेशन के लिए उन कर्मचारियों की सूची मांगी है, जिनको अपने कर्तव्य पालन में ज्यादा लोगों के संपर्क में आना पड़ता है। जिन्हें फ्रंटलाईन कर्मचारी कहा जाता है। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) समेत सभी विभागों ने यह सूची तैयार करना शुरू कर दिया है। इस श्रेणी में आने वाले करीब 3 लाख फ्रंटलाइन कर्मचारियों को भी वैक्सीन दी जाएगी।
अभी तक करीब 30 हजार रेलवे कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। वहीं 700 लोगों की कोविड संक्रमण से मौत भी हो चुकी है। कोरोनाकाल के समय से भारतीय रेलवे मालगाड़ी का संचालन कर रहा है। इसमें बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी और ट्रांसपोर्टर व्यवसाय से लोग जुड़े हैं। इन्हीं की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस वैक्सीनेशन कार्यक्रम में टिकट जांच करने वाले से लेकर स्टेशन मास्टर्स सहित करीब 36 हजार स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा 70 हजार निरीक्षक सहित अन्य स्टेशनों पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारी शामिल हैं।
इसके अलावा 70 हजार रेलवे सुरक्षा बल, 41 हजार लोको पायलट और 44 हजार सहायक लोको पायलट, 8 हजार ट्रैकमैन और 6 हजार शंटर्स की भी पहचान वैक्सीन लगाने के लिए की जा चुकी है। वहीं भारतीय रेलवे के हेल्थकेयर स्टाफ को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें करीब 32 हजार स्वास्थ्य कायकर्ता और 5 हजार अन्य कर्मचारी भी शामिल है।
भारत में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन 16 जनवरी को शुरू हुआ था। 27 जनवरी की शाम 6 बजे तक अब तक कुल 23,28,779 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। 27 जनवरी को 28 राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम चला और 2,99,299 लोगों को कोविड-19 टीके लगे। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टीका लगने के बाद अब तक 16 लोगों को हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। इस लिहाज से हॉस्पिटलाइजेशन के मामले कुल मामलों के 0.0007% है।