सुशांत सिंह राजपूत केस में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है. रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा. इस याचिका में एक्ट्रेस ने अपने खिलाफ पटना में दर्ज केस को मुंबई में ट्रांसफर करने की अपील की है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट इस बात का फैसला करेगा कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच मुंबई पुलिस करेगी या फिर सीबीआई. सभी पक्ष आज लिखित में अपना-अपना जवाब दाखिल करेंगे.
मालूम हो रिया के खिलाफ सुशांत के पिता ने पटना के राजीव नगर थाने में FIR दर्ज कराई है. सुशांत के पिता का आरोप है कि रिया ने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया. साथ ही केके सिंह ने रिया पर सुशांत के पैसे हड़पने और जालसाजी के भी आरोप लगाए हैं. मंगलवार को भी रिया की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी. लेकिन सुशांत केस को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ED ने सुशांत सिंह राजपूत के बॉडीगार्ड को समन भेजा है. आज एजेंसी सुशांत के बॉडीगार्ड का बयान दर्ज करेगी. बॉडीगार्ड ने सुशांत संग कई सालों तक काम किया था. ईडी बॉडीगार्ड से सुशांत सिंह राजपूत के फाइनेंस और उससे जुड़ी अनियमितताओं के बारे में जानकारी लेगी. इससे पहले रिया और उनके भाई-पिता से ईडी ने पूछताछ की थी. सुशांत की एक्स बिजनेस मैनेजर श्रुति मोदी, फ्लैटमेड सिद्धार्थ पिठानी और बहन मीतू सिंह से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है.
सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने सरकार से मांगा इंसाफ. उन्होंने सीबीआई जांच को लेकर लोगों से आवाज उठाने की अपील की है. श्वेता सिंह कीर्ति ने ट्वीट कर लिखा- समय है कि हम सच को खोजें ताकि हमें न्याय मिल सके. प्लीज हमारे परिवार और पूरी दुनिया की मदद करें ये जानने के लिए कि क्या सच है. ताकि एक नतीजे पर पहुंचा जा सके. वरना हम कभी शांतिभरा जीवन नहीं जी सकेंगे. सुशांत केस की सीबीआई जांच के लिए अपनी आवाज उठाएं.
दूसरी तरफ, बुधवार को सुशांत के परिवार ने 9 पेज की चिट्ठी रिलीज की. इसमें परिवार ने खुलासा किया कि बेटे की मौत के बाद उन्हें धमकियां मिल रही हैं. लेटर में लिखा है- सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, सबको सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है. एक-एक कर सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है.
”सुशांत से उनके संबधों पर सवाल उठाया जा रहा है. तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले ये ना भूलें कि वे भी यहीं हैं. अगर यही आलम रहा तो क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा ही नहीं होगा? हम देश को उधर लेकर क्यों जा रहे हैं जहां अपने को जागीरदार समझने वाले अपने गुर्गों से मेहनतकशों को मरवा देते हैं और सुरक्षा के नाम पर तनख़्वाह लेने वाले खुलेआम बेशर्मी से उनके साथ लग लेते हैं?”