प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बेमतलब साबित हो रहा है. चिल्ला थाना क्षेत्र के अतरहट गांव में दूसरी बेटी पैदा होने से नाराज ससुराल वालों द्वारा मारपीट कर मासूम बच्चियों के साथ महिला को घर से निकाल दिए जाने का मामला सामने आया है.
अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल ने सोमवार को बताया कि अतरहट गांव की महिला निर्मला देवी (26) ने रविवार को अपनी दो बच्चियों के साथ उनके कार्यालय में आकर अपनी शिकायत की है. उसकी एक बेटी के बाद 20 जनवरी 2018 को दूसरी बच्ची मायके में पैदा हुई. मासूम बच्ची के साथ वह अपने ससुराल गई.
इसके बाद तो पति धीरेन्द्र सिंह और ससुराल वालों ने पहले मासूम बच्ची की हत्या का दबाव बनाया, जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन लोगों ने उसे मारपीट कर दोनों बच्चियों के साथ घर से निकाल दिया. इस मामले में चिल्ला पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
उधर, महिलाओं के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे महिला संगठन ‘नारी इंसाफ सेना’ की प्रमुख वर्षा भारतीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’ का नारा बुंदेलखंड विशेषकर बांदा में बेमतलब साबित हो रहा है. यहां भाजपा के सिर्फ सांसद ही नहीं, बल्कि चारों विधानसभा क्षेत्रों में विधायक भी हैं.