कर्नाटक में सरकार बनाने के बाद बीजेपी ये सोच रही है कि यदि स्पीकर स्वयं पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उधर जद (एस) ने कहा है कि पार्टी राज्य में ‘‘सकारात्मक’’ विपक्ष की रोल अदा करेगी। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि कुमार को पद छोड़ने के लिए कह दिया गया है जो पारंपरिक रूप से सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है।

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले उन्हें यह संदेश दिया गया है। राज्य बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि, ‘‘हम विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे अगर वह खुद पद नहीं छोड़ते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पहला एजेंडा विश्वास प्रस्ताव जीतना है और सोमवार को वित्त विधेयक पारित करवाना है।
हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या विधानसभा अध्यक्ष खुद पद छोड़ते हैं अथवा नहीं।’’ बीजेपी नेता ने बताया कि विपक्षी दल का विधानसभा अध्यक्ष कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सदन में विश्वास मत जीतते ही हम अविश्वास प्रस्ताव पेश कर देंगे।’’ विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने और 14 अन्य विधायकों पर फैसला लंबित रखने के महज 24 घंटे के अंदर येदियुरप्पा ने शुक्रवार को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
पूर्व पीएम और जद (एस) प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी सरकार को किसी भी तरह से समर्थन देने से शनिवार को इंकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ‘‘सकारात्मक’’ विपक्ष की भूमिका निभाएगी। जद (एस) विधायकों के एक धड़े द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से कर्नाटक में बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन देने का सुझाव देने के एक दिन बाद उन्होंने पार्टी का रूख स्पष्ट किया है।
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