बीते दिनों गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन के खिलाफ भारत में बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई है. इस मुहिम के तहत कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने घोषणा की है कि वे जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लीकेशन का प्रयोग नहीं करेंगे.
हालांकि, जूम ऐप अमेरिका से संचालित होता है लेकिन कैट का कहना है कि इसका चीन से भी कनेक्शन है. आपको बता दें कि कैट भारत के सात करोड़ ट्रेडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है.
कैट ने देश भर के व्यापारियों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए अब तक इस्तेमाल में लाए जा रहे जूम ऐप का बहिष्कार कर दिया है. कैट ने इसकी बजाए भारत के जिओमीट के जरिए संवाद करने की बात कही है.
इसके साथ ही कैट ने देश भर के व्यापारियों और सभी राज्यों में फैले व्यापारी संगठनों को यह सलाह दी है कि वो अपने संवाद मंच के रूप में ज़ूम का उपयोग न करें. हालांकि कैट की टेक्नोलॉजी टीम अन्य उपलब्ध ऐप का भी आंकलन कर रही है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट का यह निर्णय सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर लिया गया है.
हालांकि, जूम एक अमेरिकी एप्लीकेशन है लेकिन प्राप्त जानकारी के मुताबिक ज़ूम का काफी डेटा चीन के मार्फ़त जाता है. ज़ूम के कुछ सर्वर चीन में भी हैं जिसकी वजह से डेटा के लीक होने का खतरा बना रहता है. इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जाता कि इसका दुरूपयोग भारत के हितों के खिलाफ भी हो सकता है.
कैट की ओर से कहा गया कि वर्तमान परिस्थितियों में देश के व्यापारी और अन्य वर्गों के लोग चीन के खिलाफ एक आर्थिक लड़ाई छेड़े हुए हैं.
इस लड़ाई में डेटा का बड़ा महत्व है. ऐसे में हम हर उस स्रोत को समाप्त करना चाहते हैं जिसके जरिये भारत का डेटा देश में रहने की बजाय बाहर जाने की संभावना रखता है.