बलिया जिले के दुर्जनपुुर गांव में हुए हत्याकांड के आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। गोली मारने के बाद भगदड़ के बीच भागने का प्रयास कर रहे भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह को दूसरे पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ा लिया था।
तभी आचानक कई पुलिस वाले उधर दौड़ पड़े और धीरेंद्र को चारों तरफ से घेरे में ले लिया। यह देख दूसरे पक्ष के लोग वहां से हट गए लेकिन इसके बाद भी धीरेंद्र की गिरफ्तारी की बात से पुलिस का इनकार करना उसकी भूमिका को कटघरे में खड़ा कर रहा है। गांव वालों का आरोप है कि धीरेंद्र को बचाने के लिए ही पुलिस ने उसके चारो तरफ घेरा बनाया था और मौका देखते ही उसे भगा दिया गया।
रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में गुरुवार को कोटे की दुकान के चयन के लिए खुली बैठक में एसडीएम, सीओ, एसओ व अन्य पुलिसकर्मियों के सामने भाजपा कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी।
इस दौरान ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले। इसमें छह लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम, सीओ के अलावा मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
पंचायत भवन के बाहर टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन के लिए दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। चार महिला समूहों ने आवेदन किया था।
दुर्जनपुर की दुकान के लिए मां शायर जगदंबा और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान की नौबत आ गई। इस पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह और एसओ प्रवीण कुमार सिंह ने व्यवस्था बनाई कि जिसके पास आधार कार्ड अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, वही वोट कर पाएगा।
एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे। दूसरे पक्ष के लोगों के पास पहचान पत्र नहीं था। इसी बात पर हंगामा हो गया। स्थिति बिगड़ते देख बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे।
इस दौरान धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इसमें दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल (45) को चार गोलियां लगीं। लोगों ने जयप्रकाश को सीएचसी सोनबरसा पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा ईंट पत्थर और लाठी-डंडों से नरेंद्र सिंह (45), आराधना सिंह (45), आशा सिंह (40), राजेंद्र सिंह (45), अजय सिंह (50) और धर्मेंद्र सिंह (40) गंभीर रूप से घायल हो गए।