एक संगठन ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जिले में 150 दलितों के बौद्ध धर्म स्वीकार करने का दावा किया है लेकिन जिला प्रशासन ने ऐसे किसी भी धर्मातरण की घटना से इंकार किया है.
भारतीय बौद्घ धम्म दर्शनसार सोसाइटी एवं अनुसंधान केंद्र बरेली के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मौर्या ने आज दावा किया कि 10 मई को बुद्घ जयंती के अवसर पर 150 दलितों ने बौद्घ धर्म की दीक्षा ली थी और यह हर वर्ष चलने वाली अनवरत प्रक्रिया है.
उन्होंने दावा किया कि दलित इज्जत की खातिर बौद्घ धर्म अपनाने को मजबूर हैं, सैंकड़ो दलित परिवार धर्मातरण करने की इच्छा जतायी है लेकिन उनका समाज इस बात का प्रचार प्रसार नहीं चाहते है.
जिलाधिकारी पिंकी जोवल ने कहा कि धर्मातरण की खबरों पर प्रशासन ने अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट और सर्कल ऑफिसर स्तर के अधिकारियों को जांच करने को कहा था और जांच में मालूम हुआ कि ऐसा कोई ‘दीक्षा’ का कार्यक्रम नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी ने दलित नेताओं और बौद्ध धर्म गुरूओं से मुलाकात की और उन्होंने ऐसे किसी धर्मातरण से साफ इंकार किया.