लोकसभा चुनाव 2019 का पहला चरण समाप्त हो गया है. चुनाव में ऐसे भी रंग देखने को मिले जो एक नई अनुभूति लाते हुए प्रतीत हो रहे हैं. बुजुर्गों को वोट डालने में कोई परेशानी न आए, इसके लिए कुछ बच्चों ने अनोखा कदम उठाया. वे बुजुर्गों को अपनी पीठ पर उठाकर मतदान करवाने ले गए. दिल को छूने वाला ये नजारा उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के एक गांव में देखने को मिला.
उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले में घन्साली तहसील है. उसी में एक छोटा सा गांव है बजिन्गा. यहां कुछ बच्चों ने अनोखी पहल की. बच्चों ने बुजुर्गों को कंधे पर उठाया और पोलिंग बूथ तक लेकर गए. इस गांव के ऐसे कम से कम 7 बुजुर्गों को इस तरह बूथ तक पहुंचाया गया.
इस सराहनीय पहल से जुड़े दीपक मैठाणी ने बताया, ‘हम चाहते थे कि हमारे गांव का हर व्यक्ति वोट डाले. इसके लिए हमने गांव के सभी लोगों को जागरूक भी किया. इसी दौरान कुछ बुजुर्गों ने वोट देने की इच्छा जताई लेकिन वे बूथ तक पहुंचने में असमर्थ थे. इस पर कुछ बच्चों ने तय किया कि ऐसे बुजुर्गों को पीठ पर बैठाकर पोलिंग बूथ तक पहुंचाया जाए.
पोलिंग बूथ तक पहुंचने चलना पड़ता है 3 किलोमीटर पैदल
वोटिंग वाले दिन बच्चों ने अपना वादा निभाया भी. इन बच्चों ने असहाय बुजुर्गों को मतदान केंद्र तक पहुंचाया. बता दें कि घन्साली तहसील, टिहरी लोकसभा के अंतर्गत आती है. तहसील का बजिन्गा गांव बाजार से काफी दूर है. यहां से पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है. इन बच्चों के प्रयास की गांव में काफी तारीफ हुई.