इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए 32 बच्चों को चुना गया है। बच्चों को यह पुरस्कार नवाचार, खेल, कला, संस्कृति, बहादुरी और समाज सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण प्रदर्शन और उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 32 जिलों से इन विजेताओं को चुना गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन बच्चों से बात कर रहे हैं। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी वहां मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने उत्कृष्ट पेटिंग बनाने वाली मणिपुर की वनीश किशम से बात की। उन्होंने पूछा कि आपके माता पिता ये तो नहीं कहते कि आप खाना पकाओ, ये क्या पेटिंग करती रहती हो तो किशम ने कहा कि नहीं उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को एक गाना भी गाकर सुनाया।
प्रधानमंत्री ने खेल के क्षेत्र में पुरस्कार प्राप्त करने वाली झारखंड की सविता कुमारी से बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको तीरंदाजी की प्रेरणा कहां से मिली और आप कहां तक पहुंचना चाहती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल लाना चाहती हूं। जब देश का राष्ट्रीय गान बजता है तब मुझे अच्छा लगता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड की बेटियां काफी कमाल करती हैं। सविता आपको मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद।
पर्वतारोहण के क्षेत्र में पुरस्कार विजेता काम्या कार्तिकेयन से प्रधानमंत्री ने बात की। उन्होंने पूछा कि आपने कोरोना के काल में क्या किया। आप खाली तो नहीं बैठी होंगी। इसके जवाब में काव्या ने कहा कि मै दक्षिण अफ्रीका की एक पहाड़ी पर फतह करने के लिए अगली ट्रेनिंग कर रही हूं। कोरोना काल में भी मैंने ट्रेनिंग की। अभी मैं गुलमर्ग में हूं। मैंने कोरोना को एक अवसर समझा। इस टाइम में मैं क्यंकि पर्वत पर नहीं चढ़ सकती इसलिए दूसरों को वेबिनार के जरिए प्रेरणा दे रही हूं।
प्रधानमंत्री ने सभी विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्यारे बच्चों आपने जो काम किया है, आपको जो पुरस्कार मिला है वो इसलिए भी खास है कि आपने ये काम कोरोना काल में किया है। इतनी कम उम में भी आपके ये काम हैरान करने वाले हैं। आपमें से ही कल देश के खिलाड़ी, वैज्ञानिक, सीईओ भारत का गौराव बढ़ाएंगे।